
धर्मशाला, 1 नवंबर (Udaipur Kiran) ।
चौधरी सरवण कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय, पालमपुर शनिवार को 48 साल का हो गया। विश्वविद्यालय के सभागार में बड़े उत्साह और गौरव के साथ विश्वविद्यालय ने अपना 48वां स्थापना दिवस मनाया। यह कार्यक्रम संस्थापक कुलपति और सभी पूर्व कुलपतियों की दूरदर्शिता, समर्पण और अथक प्रयासों को श्रद्धांजलि थी, जिनके योगदान ने 1 नवंबर, 1978 को विश्वविद्यालय की स्थापना के बाद से इसकी एक मजबूत नींव रखी है।
इस समारोह में पूर्व कुलपति डॉ. प्रदीप के. शर्मा मुख्य अतिथि और विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. अशोक कुमार पांडा विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। दोनों ने हिमाचल प्रदेश और पूरे देश में कृषि और पशु चिकित्सा शिक्षा, अनुसंधान और ग्रामीण विकास में विश्वविद्यालय के उल्लेखनीय योगदान की सराहना की।
अपने संबोधन में, डॉ. प्रदीप के. शर्मा ने विश्वविद्यालय की निरंतर प्रगति की प्रशंसा की और संकाय एवं छात्रों से कृषि समुदाय की बेहतर सेवा के लिए नवाचार और उत्कृष्टता को जारी रखने का आग्रह किया।
डॉ. अशोक कुमार पांडा ने अपने संबोधन में सभी पूर्ववर्तियों, संकाय सदस्यों और कर्मचारियों के प्रति उनकी समर्पित सेवा के लिए आभार व्यक्त किया और कहा कि विश्वविद्यालय की सफलता इसके दूरदर्शी नेताओं, मेहनती कर्मचारियों, समर्पित छात्रों और कृषि समुदाय के साथ मजबूत साझेदारी के सामूहिक प्रयासों पर आधारित है। उन्होंने सभी से अनुसंधान, प्रौद्योगिकी प्रसार और किसान-केंद्रित शिक्षा को आगे बढ़ाने के लिए खुद को समर्पित करने का आह्वान किया।
कार्यक्रम में रजिस्ट्रार डॉ. मधु चौधरी, आईएएस, छात्र कल्याण अधिकारी डॉ. ए.डी. बिंद्रा, अधिष्ठाता सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय डॉ. चंद्रकांता वत्स, अधिष्ठाता आधारभूत विज्ञान महाविद्यालय डॉ. राजन कटोच और वित नियंत्रक पंकज सूद सहित अन्य वैधानिक अधिकारी, संकाय सदस्य, गैर-शिक्षण कर्मचारी और चारों महाविद्यालयों के छात्र उपस्थित रहे।
छात्रों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रम ने समारोह में चार चांद लगा दिए, जिसमें पारंपरिक नाटी और हिमाचली लोकगीतों ने राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को खूबसूरती से दर्शाया। दर्शकों ने इन प्रस्तुतियों की जमकर प्रशंसा की।
(Udaipur Kiran) / सतेंद्र धलारिया