
जयपुर, 10 नवंबर (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार सशक्त महिला-समृद्ध राजस्थान के संकल्प को साकार करने की दिशा में प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। प्रदेश की महिलाओं को सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक रूप से सशक्त बनाने वाली विभिन्न योजनाओं और निर्णयों के माध्यम से उनका सर्वांगीण विकास सुनिश्चित हो रहा है। इसी का परिणाम है कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में राज्य की आधी आबादी आत्मनिर्भर बनने के साथ ही गरिमापूर्ण जीवन व्यतीत कर रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र की उन्नति के लिए महिला, युवा, किसान और गरीब वर्ग के उत्थान पर विशेष जोर दिया है। उनके इस विजन पर कार्य करते हुए राज्य सरकार महिलाओं को बेहतर स्वास्थ्य और उचित पोषण उपलब्ध कराने के साथ ही लिंगानुपात बेहतर करने के लिए कई योजनाएं संचालित कर रही है। मुख्यमंत्री मातृत्व पोषण योजना के अंतर्गत 5 लाख लाभार्थी महिलाओं को 170 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। इसी के साथ प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत महिलाओं को दी जाने वाली राशि भी 5 हजार रुपये से बढ़ाकर 6 हजार 500 रुपये कर दी गई है। अब तक इस योजना में 9 लाख 71 हजार महिलाओं को 530 करोड़ रुपये का अनुदान दिया गया है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और साथिनों के मानदेय में 20 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। किशोरियों और महिलाओं के बेहतर स्वास्थ्य के लिए प्रदेश की 1 करोड़ 22 लाख महिलाओं व बालिकाओं को प्रतिमाह 12 सैनेटरी नैपकिन निःशुल्क उपलब्ध कराए गए हैं।
कौशल विकास के माध्यम से महिलाएं बन रहीं आत्मनिर्भर
महिलाओं को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने और उनमें उद्यमिता का विकास करने के लिए राज्य सरकार ने कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। मुख्यमंत्री नारी शक्ति उद्यम प्रोत्साहन योजना के तहत महिला उद्यमियों के 2 हजार 273 आवेदन स्वीकृत करते हुए 199 करोड़ रुपये का ऋण दिया गया है। लखपति दीदी योजना के तहत 18 लाख 80 हजार महिलाओं को प्रशिक्षण दिया गया है। ऐसी लगभग 11 लाख प्रशिक्षित महिलाएं अपनी आमदनी में वृद्धि कर लखपति दीदी बन चुकी हैं। महिला आजीविका संवर्धन के लिए लाख 31 हजार स्वयं सहायता समूहों को 648 करोड़ रुपये उपलब्ध कराए गए हैं। इसके अतिरिक्त 1 लाख 94 हजार स्वयं सहायता समूहों को 4 हजार 704 करोड़ रुपये का ऋण भी प्रदान किया गया हैं। जनजाति समुदाय की महिलाओं के सशक्तीकरण की दिशा में विशेष प्रयास करते हुए 90 वन धन विकास केंद्र गठित किए गए हैं, जिनसे 15 हजार 878 जनजातीय महिलाएं लाभान्वित हुई हैं।
बालिका शिक्षा को मिला बढ़ावा, सुरक्षित हुआ भविष्य
राज्य सरकार का उद्देश्य है कि बेटियों का भविष्य सुरक्षित बने तथा वे पढ़-लिख कर जीवन में आगे बढ़ें। इसी मंशा के साथ पात्र परिवारों में बेटी के जन्म पर लाडो प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत दी जाने वाली राशि बढ़ाकर 1.50 लाख रुपये कर दी गई है। साथ ही, दूरस्थ शिक्षा को सुगम बनाने के लिए 10 लाख 51 हजार बालिकाओं को साइकिल और और 39 हजार 79 छात्राओं को स्कूटियां वितरित की गई हैं। इसके साथ ही, कृषि क्षेत्र में अध्ययन के लिए 54 हजार 654 छात्राओं को 98 करोड़ की प्रोत्साहन राशि दी गई हैं। इसके अतिरिक्त अन्य योजनाओं में भी 6 लाख 4 हजार बालिकाओं को लाभान्वित करते हुए 296 करोड़ रुपये दिए गए हैं।
वंचित वर्ग की महिलाओं का हुआ सामाजिक सशक्तीकरण
राज्य सरकार ने कमजोर वर्ग की महिलाओं को मुख्यधारा में लाने और उनके सामाजिक सशक्तीकरण की दिशा में भी उल्लेखनीय कार्य किए है। मुख्यमंत्री रसोई गैस सब्सिडी योजना के तहत गरीब परिवारों की महिलाओं को 450 रुपये में घरेलू गैस सिलेंडर उपलब्ध कराया जा रहा है। अब तक इस योजना में 558 करोड़ रुपये का अनुदान दिया जा चुका है। इसी के साथ बेसहारा महिलाओं को सम्बल प्रदान करने के लिए एकल नारी सम्मान पेंशन योजना के अंतर्गत 19 लाख 15 हजार महिलाओं को 5 हजार 702 करोड़ रुपये तथा विधवा पेंशन योजना के तहत 4 लाख 21 हजार महिलाओं को 624 करोड़ रुपये की राशि दी गई है। साथ ही, कन्या विवाह के लिए पात्र परिवारों की 22 हजार 559 कन्याओं के विवाह के लिए 83 करोड़ रुपये का अनुदान दिया गया। विवाहों में होने वाले अनावश्यक खर्च कम करने और सामाजिकता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सामूहिक विवाह योजना चलाई जा रही है जिसके तहत अब तक 7 हजार 268 वैवाहिक जोड़ों को लाभान्वित कर 19 करोड़ 75 लाख रुपये का अनुदान दिया गया है।
महिलाओं को मिला भयमुक्त और सुरक्षित वातावरण
प्रदेश की महिलाओं को भयमुक्त और सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराने की दृष्टि से राज्य सरकार ने 1 हजार कालिका पेट्रोलिंग यूनिट का गठन किया गया है। इन यूनिट्स को गश्त के लिए 500 स्कूटी उपलब्ध कराई गई है और 2 हजार कांस्टेबल पदों का सृजन भी किया गया है। इसके अतिरिक्त तीन महिला बटालियन का गठन कर 2 हजार 216 नवीन पदों की स्वीकृति भी दी गई है।
इन सभी योजनाओं एवं पहलों के माध्यम से मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार ने महिलाओं के सर्वांगीण विकास के लिए ठोस और प्रभावी कदम उठाए हैं। ये सभी कदम महिलाओं के जीवन में आमूलचूल बदलाव का आधार बन रहे है और राजस्थान की एक ऐसे राज्य के रूप में पहचान बनी है जहां महिलाओं के लिए गरिमापूर्ण जीवन और समान अवसर सुनिश्चित हो रहे हैं।
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(Udaipur Kiran) / राजीव