
तीन माह का वेतन और पीएफ का भुगतान भी नहीं किया
जोधपुर, 10 नवम्बर (Udaipur Kiran) । डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज के अधीन मथुरादास माथुर अस्पताल में कार्यरत करीब साठ निविदा नर्सिंग कर्मियों को बिना किसी पूर्व सूचना के सेवा से हटा दिया गया। ये सभी नर्सिंग कर्मी कई वर्षों से पीआईसीयू, एनआईसीयू, एमआईसीयू, टीआईसीयू, आपातकालीन विभाग सहित विभिन्न वार्डों में सेवाएं दे रहे थे। इन कर्मियों को पिछले तीन माह से वेतन और छह माह से प्रोविडेंट फंड (पीएफ) का भुगतान भी नहीं किया गया है।
कर्मचारियों ने बताया कि एक नवंबर 2025 को अचानक सभी को बिना नोटिस सेवा से मुक्त कर दिया गया। इसके बाद से वे प्रतिदिन अस्पताल अधीक्षक और मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल से मुलाकात कर पुनर्नियोजन की मांग कर रहे हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला है। निविदा नर्सिंग कर्मियों का आरोप है कि हाल ही में 302 नए निविदा नर्सिंग स्टाफ की भर्ती की गई है, जिसमें भारी भ्रष्टाचार और अनियमितताएं हुई हैं। उनके अनुसार, कई नए नियुक्त कर्मी अप्रशिक्षित (अनट्रेंड) हैं और उनसे दो से तीन लाख रुपये तक की रिश्वत लेकर जॉइनिंग दी गई है, जबकि पुराने अनुभवी स्टाफ को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।
पीडि़त कर्मियों ने स्वास्थ्य मंत्री और मुख्यमंत्री से अपील की है कि एमडीएम अस्पताल, नव स्थापित 29 विभागों, डेंटल अस्पताल और कैंसर अस्पताल में बढ़ती जनसेवा आवश्यकताओं को देखते हुए उन्हें पुन: सेवा में लिया जाए। उन्होंने कहा कि यदि उनकी सेवाएं बहाल की जाती हैं तो अस्पताल की व्यवस्था सुचारु बनी रहेगी और सरकार की निशुल्क चिकित्सा योजनाओं का लाभ आमजन तक सही समय पर पहुंच सकेगा।
(Udaipur Kiran) / सतीश