
अजमेर,7 नवम्बर(Udaipur Kiran) राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आनंद भालेराव ने कहा कि “वंदे मातरम् केवल गीत नहीं है, यह भारत माता के प्रति हमारे अटूट समर्पण का प्रतीक है। यह केवल नारा नहीं था, यह आत्मबल का स्त्रोत था। यह वह पुकार है, जिसने गुलामी की जंजीरों को तोड़ने का संकल्प जगाया, यह वह मंत्र है, जिसने हर भारतीय के ह्रदय में आत्मगौरव और स्वाभिमान की आग प्रज्वलित की।
कुलपति भालेराव शुक्रवार को राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय में भारत के राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम का आयोजन विश्वविद्यालय के सभागार में संपन्न हुआ, जिसमें 500 से अधिक विद्यार्थियों, प्राध्यापकों, अधिकारियों और कर्मचारियों ने भाग लिया। कार्यक्रम का प्रारंभ वंदे मातरम् के सामूहिक गायन से हुआ, जिसने वातावरण को राष्ट्रभक्ति और एकता की भावना से भर दिया। इसके पश्चात सभी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का राष्ट्र के नाम संबोधन लाइव देखा। प्रो. भालेराव ने कहा कि स्वतंत्रता सेनानी जब जेल जाते थे, तो ‘वंदे मातरम्’ की पुकार से ही उनकी आत्मा प्रज्वलित होती थी। आज भारत की नई पीढ़ी उसी भावना को विज्ञान, तकनीक, नवाचार और स्टार्टअप्स के माध्यम से आगे बढ़ा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि वंदे मातरम्’ ने भारतीय नारी को भी उसकी असली पहचान दी। आज भारत की बेटियां रक्षा, अंतरिक्ष, विज्ञान और राजनीति हर क्षेत्र में अग्रणी हैं।
(Udaipur Kiran) / संतोष