RAJASTHAN

औद्योगिक खनिज और सिरेमिक : डाउनस्ट्रीम उद्योग और निवेश के अवसर‘ विषयक राष्ट्रीय सम्मेलन शनिवार से

औद्योगिक खनिज और सिरेमिक : डाउनस्ट्रीम उद्योग और निवेश के अवसर‘ विषयक राष्ट्रीय सम्मेलन 8 से बीकानेर में

बीकानेर, 7 नवंबर (Udaipur Kiran) । माइनिंग इंजीनियर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एमईएआई), जोधपुर चैप्टर, बीकानेर डिस्ट्रिक्ट माइन ओनर्स एसोसिएशन (बीडीएमओए) व बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय (बीटीयू) के संयुक्त तत्वावधान में ‘औद्योगिक खनिज और सिरेमिक : डाउनस्ट्रीम उद्योग और निवेश के अवसर‘ विषयक दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन शनिवार व रविवार को आयोजित किया जाएगा।

यह जानकारी एसोसिएशन से जुड़े दीपक तंवर ने पत्रकार सम्मेलन में दी। इस अवसर पर एसोसिएशन के सचिव व माइनिंग इंजीनियर राकेश पुरोहित, राजेश चूरा, कुंजबिहारी गुप्ता, बीटीयू के प्रो. संजीत कुमार, ए.के.गुप्ता, राकेश आचार्य भी मौजूद थे। उन्होंने सेमीनार के उद्देश्यों के बारे में बताया कि रणनीतिक गठजोड़: उद्योग (निवेशकों), सरकार (नीति निर्माताओं) और शिक्षाविदें (बीटीयू के शोधकर्ताओं) को एक मंच पर लाना, सिरेमिक, ग्लास, जिप्सम प्लास्टर और अन्य खनिजों पर आधारित डाउनस्ट्रीम उद्योगों में निवेश के ठोस अवसरों को प्रस्तुत करना, बीकानेर को गुजरात के मोरबी की तर्ज पर एक नए आत्मनिर्भर सिरेमिक हब के रुप में विकसित करने के लिए एक व्यवहारिक रोडमैप तैयार करना, खनन और प्रसंस्करण में नवीनतम तकनीकों, विशेष रुप से राजस्थान की 25 हजार मेगावाअट सौर ऊर्जा क्षमता का उपयोग करके ग्रीन फैक्ट्री मॉडल पर चर्चा करना प्रमुख है।

माइनिंग इंजीनियर राकेश पुरोहित ने बताया कि सेमीनार में तकनीकी और रणनीतिक सत्रों मूल्य संवर्धन, मेक इन बीकानेर, सस्टेनेबल माइनिंग और ग्रीन फैक्ट्री, नीति और अनुसंधान पर प्रमुख चर्चा होगी। एक प्रश्न के उत्तर में वरिष्ठ माइंस व्यवसायी राजेश चूरा ने बताया कि देश में गुजरात का मोरबी वर्तमान में भारत का 80 प्रतिशत सिरेमिक उत्पादन करना है लेकिन अपने कच्चे माल के लिए प्रमुख रुप से बीकानेर पर निर्भर है। केवल कच्चे माल के आपूर्तिकर्ता के रुप में बीकानेर गिना जाता है जबकि वास्तविक औद्योगिक और आर्थिक लाभ कहीं और हो रहा है। उन्होंने बताया कि सेमीनार की आवश्यकता इसी आर्थिक अंतर को पाटने और राजस्थान को एक ‘आपूर्तिकर्ता‘ से ‘निर्माता‘ के रुप में स्थापित करने के लिए है। चूरा ने यह भी बताया कि राजस्थान में विशेष रुप से बीकानेर संभाग भारत का खनिज भंडार के रुप में जाना जाता है। जो देश का 90 प्रतिशत जिप्सम और 70 प्रतिशत बॉलक्ले (सिरेमिक क्ले) का उत्पादन करता है। इसके बावजूद राज्य अपनी इस खनिज सम्पदा का पूर्ण औद्योगिक लाभ नहीं उठा पाया है।

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(Udaipur Kiran) / राजीव