
बीकानेर, 5 नवंबर (Udaipur Kiran) । जिले के कोलायत में बुधवार को कार्तिक पूर्णिमा मेले के दौरान देशभर से आए साढ़े तीन सौ से ज्यादा संतों ने धूणी रमाई। शाम को अंधेरा होने के साथ ही कोलायत के कपिल सरोवर के एक तरफ आतिशबाजी शुरू हो गई। इससे नजारा काफी आकर्षक हो गया। सांख्य दर्शन के प्रणेता माने जाने वाले कपिल मुनि के मंदिर और कपिल सरोवर के पास चार संप्रदायों के सैकड़ों संत तप कर रहे हैं।
दत्तात्रेय ओर कपिल मुनि के इस तप स्थल को सर्वश्रेष्ठ माना गया है, इसी कारण कामाख्या, हरिद्वार सहित देशभर से साधु संत अपने शिष्यों के साथ यहां पहुंचे हैं।
उधर, मेले में इस बार विशेष व्यवस्थाएं विधायक अंशुमान सिंह भाटी के निर्देशन में की गई है। हर बार की तरह इस बार भी मेले में नागा सन्यासी, श्रीनाथ संप्रदाय, महानिर्वाणी, रामा पंथ के साधु संत पहुंचे हैं। जो अलग अलग घाटों पर धूणी लगाकर बैठे हैं। इसके लिए सभी 84 घाटों पर बैठने की व्यवस्था की गई है। धूणे लगाने की व्यवस्था की गई है। इनमें मंदिर के पास ही स्थित मुख्य घाट, गऊ घाट, जनाना घाट पर सर्वाधिक भीड़ देखी जा सकती है।
इसके अलावा संतोषी माता घाट, पंच मंदिर घाट, रतनेश्वर घाट, गंगा माता मंदिर घाट, भूतनाथ मंदिर घाट पर भी भारी संख्या में साधु संतों का डेरा है। कोलायत के कपिल सरोवर के किनारे अब तक केदारनाथ, प्रयागराज, काशी, जूनागढ़, कामाख्या, हरिद्वार, ऋषिकेश के संत पहुंचे हैं। ये संत तीन से चार दिन तक लगातार यहां पर तप करते हैं। इस दौरान मेला प्रबंधन की ओर से ही इनके लिए सभी तरह की व्यवस्था की जाती है। मान्यता है कि कार्तिक महीने में कपिल सरोवर किनारे किया गया तप शेष ग्यारह महीने में किया गए तप के समान है। कपिल मुनि ने यहां तपस्या की थी। शाम होते ही कपिल सरोवर में महा आरती हुई। जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। मंदिर में हजारों की संख्या में दीपक झिलमिलाते दिखाई दिए।
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(Udaipur Kiran) / राजीव