Chhattisgarh

धमतरी : दुगली में एलोवेरा, मूसली, आंवला जैसे वनोपजों से हो रहा 22 उत्पादों का निर्माण

दुगली में वनधन विकास केंद्र का अवलोकन करते हुए राज्यपाल रमेन डेका व अन्य।
दुगली में वनधन विकास केंद्र का अवलोकन करते हुए राज्यपाल रमेन डेका व अन्य।
दुगली में वनधन विकास केंद्र का अवलोकन करते हुए राज्यपाल रमेन डेका व अन्य।

धमतरी, 24 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के वनांचल क्षेत्र नगरी विकासखंड के दुगली ग्राम स्थित एमएफपी प्रोसेसिंग सेंटर वन उत्पादक प्रसंस्करण केंद्र प्रदेश में ग्रामीण आजीविका के सशक्तिकरण का उदाहरण बन गया है। इस केंद्र में एलोवेरा, मूसली, आंवला, शतावर, अर्जुन, तिखुर, माहुल पत्ता जैसे वनोपजों से 22 विविध उत्पादों का निर्माण किया जा रहा है। इनमें एलोवेरा से निर्मित शैंपू, बाडी वाश, साबुन, हेयर कंडीशनर, माइश्चराइजर, जैल, जूस, मूसली लड्डू, वज्रदंती हर्बल पाउडर, आंवला जूस, कैण्डी, त्रिफला चूर्ण, अश्वगंधा पाउडर, दोना-पत्तल आदि शामिल हैं। इन उत्पादों के निर्माण से स्व-सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं को गांव में ही अतिरिक्त आमदनी का सशक्त साधन प्राप्त हुआ है।

राज्यपाल रमेन डेका ने शुक्रवार काे दुगली ग्राम पहुंचकर वनधन विकास केंद्र का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने महिला समूहों द्वारा एलोवेरा से बनाए जा रहे उत्पादों की प्रोसेसिंग एवं पैकेजिंग प्रक्रिया को निकट से देखा और उनकी सराहना की। राज्यपाल ने समूहों द्वारा तैयार अन्य उत्पादों का भी अवलोकन किया।मुख्य वन संरक्षक सतोविशा समाजदार ने राज्यपाल डेका को एलोवेरा जैल निर्माण, तिखुर प्रसंस्करण एवं दोना-पत्तल निर्माण की पूरी प्रक्रिया की जानकारी दी। इस अवसर पर सचिव राज्यपाल सीआरप्रसन्ना, कलेक्टर अबिनाश मिश्रा, पुलिस अधीक्षक सूरज सिंह परिहार, वनमण्डलाधिकारी जाधव श्रीकृष्ण, सीतानदी उदंती अभ्यारण्य के वनमण्डलाधिकारी वरूण जैन, प्रबंध संचालक राज्य लघु वनोपज संघ अनिल साहू, जिला पंचायत अध्यक्ष अरूण सार्वा आदि उपस्थित रहे।राज्यपाल ने केंद्र परिसर में लगाई गई एलोवेरा और तिखुर की खेती का भी निरीक्षण किया। इस दौरान कमार जनजाति के समाज प्रमुख, पर्यटन समिति के सदस्य और लखपति दीदियों से राज्यपाल ने आत्मीय संवाद किया।

लखपति दीदी देवकुमारी साहू ने राज्यपाल को बताया कि, वे बिहान योजना से जुड़कर सेंट्रिंग और दैनिक उपयोग की वस्तुओं का कार्य करती हैं, जिससे उन्हें गांव में ही रोजगार और स्थायी आमदनी मिल रही है। उन्होंने बताया कि बिहान से जुड़ने के बाद उनके जीवन में आर्थिक सुधार हुआ है और अब वे अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा भी दिला पा रही हैं। इको-टूरिज्म समिति के सदस्य माधव सिंह मरकाम ने राज्यपाल को बताया कि जबर्रा ग्राम की प्राकृतिक सुंदरता को प्रदर्शित करने के लिए समिति गठित की गई है, जिससे देश-विदेश के पर्यटक यहां आकर्षित हो रहे हैं। समिति के माध्यम से ग्रामीणों को गांव में ही रोजगार प्राप्त हुआ है और जीवन स्तर में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।

इस अवसर पर नगरी विकासखंड के लीफ आर्टिस्ट विकास शांडिल्य ने पीपल के पत्ते पर उकेरी गई शेर की कलात्मक आकृति राज्यपाल डेका को भेंट की। राज्यपाल ने उनकी कला की प्रशंसा करते हुए आकृतियों के निर्माण में लगने वाले समय और उनकी कीमत के बारे में जानकारी ली। उन्होंने विकास को और भी कलात्मक पत्ते तैयार करने के लिए प्रोत्साहित किया एवं उनकी कृतियों को खरीदने की इच्छा भी व्यक्त की।

राज्यपाल डेका ने दौरे के समापन पर महिला स्व-सहायता समूहों की दीदियों के साथ आत्मीयतापूर्ण संवाद करते हुए समूहों द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना की और उनके साथ स्मृति स्वरूप छायाचित्र भी लिए। यह दौरा ग्रामीण आजीविका संवर्धन, महिला सशक्तिकरण और वन संसाधनों के सतत उपयोग की दिशा में धमतरी जिले के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण साबित हुआ है।

(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा

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