
जयपुर, 17 सितंबर (Udaipur Kiran) । अतिरिक्त न्यायिक मजिस्ट्रेट क्रम-11 ने महिंद्रा सेज की भूमि से जुड़े प्रकरण में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे, राजेंद्र राठौड़, गुलाब कटारिया, गजेन्द्र सिंह खींवसर सहित पूर्व आईएएस सीएस राजन व वीनू गुप्ता व अन्य के खिलाफ दस साल पहले दायर परिवाद को खारिज कर दिया है। पीठासीन अधिकारी पार्वती ने अपने आदेश में कहा कि परिवादी संजय छाबड़ा ने परिवाद पत्र के समर्थन में कोई साक्ष्य पेश नहीं की है। परिवादी ने सिर्फ मौखिक आरोप लगाए हैं। ऐसे में परिवाद को खारिज किया जाता है।
परिवाद में कहा गया कि इन आरोपियों ने मंत्रिमंडल के कैबिनेट सहयोगियों से मिलकर पद का दुरुपयोग किया और महिंद्रा ग्रुप के आनंद महिंद्रा को फायदा पहुंचाया। आरोपियों ने महिंद्रा लाइफ स्पेस डवलपर्स लिमिटेड के आधा दर्जन से अधिक अधिकारियों से मिलकर महिंद्रा सेज सिटी की सड़क, पार्क और स्कूल के लिए आरक्षित जमीन का लैंड यूज बदल दिया। इसके लिए तत्कालीन उद्योग सचिव वीनू गुप्ता ने लैंड यूज का प्रस्ताव बनाया और मुख्य सचिव सीएस राजन ने इस प्रस्ताव को स्वीकार कर तत्कालीन सीएम राजे व अन्य मंत्रियों को भेज दिया। आरोपियों ने कैबिनेट मीटिंग में महिंद्रा वर्ल्ड सिटी की सामाजिक आधारभूत संरचना की एक हजार एकड़ भूमि को घटाकर 446 एकड़ कर दिया। जिससे करीब पांच सौ एकड़ जमीन लाईफ स्पेस डवलपर्स को निजी फायदे के लिए दे दी। इस दौरान भूमि रूपान्तरण पर लगने वाले चार्ज की छूट के संबंध में वित्त विभाग से अनुमति भी नहीं ली गई। इस कार्रवाई में आरोपियों ने करीब पांच हजार करोड़ रुपए का राजकोष को नुकसान पहुंचाया।
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(Udaipur Kiran)
