
जयपुर, 17 सितंबर (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट ने रिटायर कर्मचारी को समय पर पेंशन भुगतान नहीं करने से जुड़े मामले में राज्य बुनकर संघ लिमिटेड के एमडी को 24 सितंबर को वीसी या व्यक्तिश: उपस्थिति होकर बकाया भुगतान नहीं करने का कारण बताने को कहा है। जस्टिस महेन्द्र कुमार गोयल की एकलपीठ ने यह आदेश अजीत सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए।
सुनवाई के दौरान अदालती आदेश की पालना में बुनकर संघ की ओर से आय व्यय का विवरण अदालत में पेश किया गया। जिसमें बताया गया कि साल 2024-25 में कार की मरम्मत पर 9.55 लाख रुपए का खर्च किया गया। वहीं दिवाली पर भी करीब डेढ लाख रुपए खर्च किए गए। वहीं 2.20 करोड रुपए से अधिक कर्मचारियों के वेतन आदि पर खर्च किए गए। इसके अलावा बैंक खाते में करीब 135 करोड़ रुपए मौजूद हैं। इस पर याचिकाकर्ता के वकील नीरज कुमार शर्मा ने कहा कि संघ की ओर से अपने शपथ पत्र में याचिकाकर्ता को बकाया का विलंब से भुगतान पर ब्याज क्यों नहीं दिया जा सकता। याचिकाकर्ता को सितंबर, 2015 में रिटायर होने के 2 साल बाद ग्रेच्युटी और चार साल बाद अवकाश का भुगतान किया गया। जबकि याचिकाकर्ता के बाद रिटायर हुए कर्मचारियों को तुरंत ही समस्त बकाया का भुगतान किया जा चुका है। इस पर अदालत ने कहा कि यह समझ से परे है कि संघ की ओर से याचिकाकर्ता को समय पर बकाया भुगतान और देरी से भुगतान पर ब्याज क्यों नहीं दिया गया। ऐसे में संघ के एमडी वीसी या व्यक्तिश: पेश होकर इसका कारण बताए।
याचिकाकर्ता के वकील नीरज कुमार शर्मा ने बताया कि याचिकाकर्ता दस साल पहले संघ से रिटायर हुआ था। संघ को उसे सेवानिवृत्ति से जुड़े परिलाभ तत्काल देने थे, लेकिन संघ ने लंबे समय तय इसका भुगतान नहीं किया और बाद में इस अवधि का ब्याज भी देने से इनकार कर दिया। जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने संघ को अपना आय-व्यय का ब्यौरा पेश करने को कहा था।
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(Udaipur Kiran)
