Haryana

हिसार : जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने में टैक्नोलोजी की महत्वपूर्ण भूमिका: प्रो. बीआर कम्बोज

कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज प्रतिभागियों के साथ।

हकृवि में अनुसंधान और विकास के लिए उच्च स्तरीय विश्लेषणात्मक उपकरण विषय

पर कार्यशाला आयोजित

हिसार, 17 सितंबर (Udaipur Kiran) । हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय की नेशनल लैब में अनुसंधान

और विकास के लिए उच्च स्तरीय विश्लेषणात्मक उपकरण विषय पर सात दिवसीय कार्यशाला आयोजित

की गई। जैव नैनो प्रौद्योगिकी विभाग एवं औद्योगिक जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा संयुक्त

रूप से आयोजित की गई कार्यशाला में पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, जीजेयू हिसार, केंद्रीय

विश्वविद्यालय महेंद्रगढ़, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, एनएबीआई, मोहाली तथा हरियाणा

कृषि विश्वविद्यालय के प्रतिभागियों ने भाग लिया। कार्यशाला के समापन अवसर पर विश्वविद्यालय

के कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज मुख्य अतिथि रहे।

कुलपति प्रो. कम्बोज ने अपने सम्बोधन में बुधवार काे कहा कि जब तक हम केवल तकनीकी ज्ञान

तक सीमित रहते हैं, तब तक हम केवल प्रक्रिया जानते हैं लेकिन जब यह ज्ञान उद्देश्य

और दृष्टिकोण से जुड़ता है, तभी वह वास्तविक विद्या बनता है और तभी ज्ञान बुद्धि में

रूपांतरित होता है। कृषि हमारे देश की अर्थव्यवस्था और आजीविका की रीढ़ है। बदलते परिवेश

में यह क्षेत्र अनेक चुनौतियों और अवसरों के दौर से गुजर रहा है। आधुनिक विज्ञान और

तकनीक के सहयोग से हम कृषि को अधिक टिकाऊ बना सकते हैं।

यदि इन वैज्ञानिक

प्रगतियों को व्यवहारिक स्तर पर लागू किया जाये तो कृषि को न केवल उत्पादक बल्कि टिकाऊ,

लाभकारी और सुरक्षित बनाया जा सकता है। यही प्रयास किसानों की आय बढ़ाने और देश की

खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने में सहायक सिद्ध होंगे। उन्होंने बताया कि विद्यार्थियों

और वैज्ञानिकों के प्रशिक्षण के लिए हकृवि एक बहुत बड़ा प्लेटफार्म है। कार्यक्रम के

अंत में उन्होंने प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र भी वितरित किए।

कार्यशाला में उपरोक्त महाविद्यालय के अधिष्ठाता एवं कोर्स के डायरेक्टर डॉ.

केडी शर्मा ने सभी का स्वागत करते हुए कहा कि कृषि क्षेत्र की वर्तमान और भविष्य की

चुनौतियों को मद्देनजर रखते हुए विद्यार्थियों और वैज्ञानिकों को नवीनतम तकनीकों के

बारे में जागरूक करना अति आवश्यक है। प्रशिक्षण के दौरान कोर्स कोर्डिनेटर डॉ. गुलाब

सिंह, डॉ. नवीन कौशिक, डॉ. शिखा जैन, डॉ. दिव्या मित्तल, डॉ. कनिका रानी तथा बायोटेक्रोलोजी

महाविद्यालय के अन्य वैज्ञानिक उपस्थित रहे। डॉ दिव्या मितल ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत

किया। मंच संचालन डॉ कनिका रानी ने किया। इस अवसर पर कुलसचिव सहित विभिन्न महाविद्यालयों

के अधिष्ठाता, निदेशक, अधिकारी, वैज्ञानिक एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।

(Udaipur Kiran) / राजेश्वर

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