Uttar Pradesh

प्रयागराज में बाढ़ की आहट, सक्रिय हुआ प्रशासन, कई गांव में पहुंचा पानी

प्रयागराज में बाढ़ की आहट, सक्रिय हुआ प्रशासन, कई गांव में पहुंचा पानी

प्रयागराज, 18 जुलाई (Udaipur Kiran) । पतित पावनी मां गंगा एवं यमुना नदियों का जलस्तर शुक्रवार की शाम बढ़ गया। जबकि गुरुवार कोई गंगा नदी का जलस्तर स्थित हो गया था। लेकिन अचानक पानी बढ़ते हुए बांध स्थित बड़े हनुमान मंदिर परिसर पुन: जल मग्न हो गया। बड़े हनुमान मंदिर में संत-महात्माओं ने हनुमान जी और गंगा जी का पूजन और अर्चना किया। गंगाजल मंदिर में प्रवेश करने के साथ ही हनुमान मंदिर का द्वार बंद कर दिया गया। बताया गया कि गंगा का पानी मंदिर से निकलने के बाद ही मंदिर का द्वार खोला जाएगा।

दूसरी ओर बाढ़ की आशंका के मद्देनजर डीएम रविंद्र कुमार मांदड़ ने एसडीएम सदर अभिषेक कुमार सिंह के साथ राजापुर स्थित ऋषिकुल विद्यालय व बघाड़ा स्थित एनी बेसेंट कॉलेज शरणालय में प्रबंध देखे।

गंगा और यमुना में विभिन्न नदियों के आने वाले पानी के चलते प्रयागराज में भी जलस्तर बढ़ने की संभावना जताई गई है। बांदा के भूरागढ़ में केन नदी का जलस्तर 97 मीटर रहा, जिसका जलस्तर बढ़ ही रहा था। वहां से 55 हजार क्यूसेक से ज्यादा पानी यमुना में आ रहा है।

यमुना में केन, बेतवा व चंबल नदियों का पानी आ रहा है। गंगा में कानपुर व हरिद्वार बैराज तथा नरौरा बांध से पानी छोड़ा जा रहा है, जिससे गंगा का जलस्तर बढ़ने की आशंका है। शुक्रवार की शाम गंगा व यमुना का जलस्तर बढ़ गया। सूचना विभाग से जारी सूचना के मुताबिक प्रयागराज में 84.734 खतरे का जल स्तर है। रात 8 बजे यमुना नदी में नैनी में जलस्तर बढ़कर 82.25 पर पहुंच गया। इसी तरह गंगा नदी के फाफामऊ में जलस्तर बढ़कर 82.25 पर पहुंच गया है। बक्सी बांध के पास 82.35 पर पहुंच गया है। इसी तरह छतनाग घाट पर 81.88 मीटर पर पहुंच गया है। हालांकि अब तक सभी बंधे सुरक्षित है।

दूसरी ओर डीएम ने शरणालयों में निरीक्षण के दौरान पीने के पानी, भोजन, विद्युत, शौचालय, साफ-सफाई की व्यवस्था पर जोर दिया। बाढ़ राहत शिविरों में हेल्पडेस्क की व्यवस्था करने को कहा, जिसमें सभी विभागों के अधिकारियों व कर्मचारियों की तैनाती हो। बाद में बक्शी बांध एसटीपी व पंपिंग हाउस का भी निरीक्षण किया। बिजली आपूर्ति बाधित होने पर अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए। विद्युत आपूर्ति बाधित होने से 11 पंपिंग स्टेशन बंद थे, जबकि जेनरेटर वाले छह पंप संचालित थे।

बाढ़ की आशंका को लेकर संवेदनशील घोषित हुए 47 गांव

गंगा और यमुना में आने वाले दिनों में बाढ़ की आशंका को लेकर जनपद में 47 गांव संवेदनशील घोषित किए गए हैं। जिला प्रशासन की ओर से घोषित इन गांवों तथा शहर के विभिन्न मोहल्लों में 88 बाढ़ राहत चौकियां भी स्थापित कर दी गई हैं। जलस्तर बढ़ने की आशंका को लेकर एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की कंपनियां बुला ली गई हैं। निचले इलाकों में जलभराव न होने पाए, इसके लिए वाटर लिफ्टर मंगाए गए हैं।

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(Udaipur Kiran) / रामबहादुर पाल

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