
उज्जैन, 18 जुलाई (Udaipur Kiran) । महाकालेश्वर मन्दिर प्रबंध समिति द्वारा आयोजित अखिल भारतीय श्रावण महोत्सव शिवसंभवम की दूसरी संध्या शनिवार को सम्पन्न होगी। शास्त्रीय गायन, वादन और नृत्य की प्ररुतुतियां होगी। आयोजन महाकालेश्वर मंदिर के समीप स्थित त्रिवेणी कला एवं पुरातत्व संग्रहालय सभागृह, जयसिंह पुरा में शाम 7 बजे से प्रारंभ होगा।
महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक प्रथम कौशिक ने बताया कि 12 जुलाई से प्रारभ अखिल भारतीय श्रावण महोत्सव का आयोजन की द्वितीय संध्या शनिवार,19 जुलाई को सम्पन्न होगी। इसमें इंदौर के गौतम काले का शास्त्रीय गायन, मुम्बई के ऋषिकेश मजूमदार का बांसुरी वादन एवं ग्वालियर की संस्था शिखा डांस अकादमी की निदेशक शिखा सोनी के निर्देशन में समूह कथक नृत्य की प्रस्तुातियां होंगी।
कलाकारों का परिचय
* गौतम काले- मेवाती घराने के प्रसिद्ध भारतीय शास्त्रीय गायक गौतम काले ने अपने पिता डॉ. किशोर काले से संगीत की प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की। आगामी शिक्षा कुंदा जोशी, पं. वीजी रंगे तनरंग और विदुषी कल्पना झोकरकर से प्राप्त की। पश्चात पद्मविभूषण पं. जसराज के शिष्य बने। गौतम काले संगीत गुरुकुल, इन्दौर के निर्देशक और गुरु हैं। आपको उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार ताराना सम्मान, मां शारदा सम्मान और सुधीर फडक़े युवा युवोन्मेष पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। आप आकाशवाणी और दूरदर्शन के ए-ग्रेड कलाकार हैं। आपने तानसेन समारोह, संगीत संगम और सप्तक संगीत समारोह जैसे प्रमुख संगीत समारोह में प्रस्तुति दी है। आपने जापान के फुकुओका शहर में आयोजित एशिया पैसिफिक सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व किया है।
* ऋषिकेश मजूमदार- बांसुरी वादक इन्होंने बचपन से पिता पद्मश्री पं. रोनू मजूमदार से सीखा और मां से गायन की शिक्षा ली। आपने पं. विकास कशालकर से गायन का प्रशिक्षण लिया और संगीत में स्नातकोत्तर डिग्री प्राप्त की। आप आकाशवाणी के ए ग्रेड कलाकार हैं। आपने संकट मोचन समारोह, वाराणसी, सप्तक महोत्सव जैसे आयोजनों और अनेकों देशों में अपनी कला का प्रदर्शन किया है। आप स्पिक मैके के प्रमुख कलाकार हैं और आपने बाम्बे,जयश्री, विजय प्रकाश व तौफीक कुरेशी जैसे दिग्गजों के साथ मंच साझा किया है। आपने देश एवं विदेश में भी अपनी प्रस्तुतियों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया है। आप शास्त्रीय संगीत को आधुनिक मंचों से जोडऩे के प्रयास में सक्रिय हैं और युवा पीढ़ी को बासुरी की शिक्षा भी दे रहे हैं। आपके संगीत में परंपरा और नवाचार का सुंदर समन्वय देखने को मिलता है।
* शिखा सोनी- ग्वालियर की संस्था शिखा डांस अकादमी की निदेेशक शिखा सोनी प्रसिद्ध कथक नृत्यांगना हैं। आपने 12 वर्ष की उम्र से संगीत महाविद्यालय में कथक नृत्य की शिक्षा प्राप्त की। आपने स्व. पं. पुरुषोत्तम नायक और डॉ. समीक्षा शर्मा के सानिध्य में कथक नृत्य की विधिवत शिक्षा प्राप्त की और खैरागढ़ विश्वविद्यालय से एमए की उपाधि प्राप्त की। आप 20 वर्षों से कथक नृत्य शिक्षा के क्षेत्र में कार्य कर रही हैं और देश के विभिन्न शहरों में एकल और समूह नृत्य की प्रस्तुति दे चुकी हैं। आपको गुंज गौरव सम्मान, सुषमा स्वराज सम्मान, नृत्य गौरव सम्मान, सेलुश सम्मान आदि से सम्मानित किया गया है। आपने अपने नृत्य गुरु भगवानदास माणिक, उर्मिला शर्मा, विशाल कृष्ण और प्रेरणा श्रीमाली के सानिध्य में चार घरानों की विशेषताएं सीखी हैं। आपने विभिन्न संगीत समारोहों में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया है।
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(Udaipur Kiran) / ललित ज्वेल
