
प्रयागराज, 18 जुलाई (Udaipur Kiran) । हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की 28 सदस्यीय कार्यकारिणी के चुनाव की आचार संहिता उल्लंघन पर चुनाव समिति ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए चुनाव भोज का आयोजन करने वाले एक अधिवक्ता का मताधिकार समाप्त कर दिया है।
यही नहीं, चुनाव समिति ने उनकी सदस्यता समाप्त करने के लिए नवनिर्वाचित कार्यकारिणी को संस्तुति करने के साथ उनके विरुद्ध समुचित कार्यवाही के लिए प्रकरण राज्य विधिज्ञ परिषद उत्तर प्रदेश को भी संदर्भित करने का निर्णय लिया है।
चुनाव समिति ने यह निर्णय शुक्रवार को लिया। मुख्य चुनाव अधिकारी आरके ओझा, चुनाव अधिकारी अनिल भूषण, वशिष्ठ तिवारी व महेन्द्र बहादुर सिंह ने कहा कि आचार संहिता के पालन के लिए बार बार प्रत्याशियों और समर्थकों से आग्रह किया जा रहा था। इसके बाद भी झूठ बोलकर चुनाव भोज का आयोजन करने पर उक्त कार्रवाई का निर्णय लिया गया।
चुनाव समिति के अनुसार एक अधिवक्ता ने 18 जुलाई को विष्णापुरी में भोज/दावत का आयोजन किया, जिसके संदर्भ में कुछ वकीलों की शिकायत आने के बाद चुनाव समिति के सदस्यों ने भोज का आयोजन कराने वाले वकील से मोबाइल पर वार्ता की। इस पर उक्त अधिवक्ता ने समिति के सदस्यों को अवगत कराया कि उनके पुत्र का जन्म दिन है। इसी परिप्रेक्ष्य में वह उक्त आयोजन कर रहे हैं। चुनाव समिति ने उनके पुत्र के जन्म प्रमाण पत्र की छायाप्रति उपलब्ध कराने का आग्रह किया लेकिन उन्होंने जन्म प्रमाण पत्र नहीं उपलब्ध कराया। समिति का कहना है कि भोज का आयोजन करने वाले अधिवक्ता का पुत्र इस समय दिल्ली में है। ऐसे में उनके द्वारा किया जा रहा आयोजन निश्चित रूप से चुनावी सभा है और उनका यह कृत्य चुनाव आचार संहिता का घोर उल्लंघन की परिधि में आता है।
चुनाव समिति ने शुक्रवार को नोटिस जारी किया जिसके परिप्रेक्ष्य में उक्त अधिवक्ता ने स्पष्टीकरण व्हाट्सएप के माध्यम से भेजा। चुनाव समिति के अनुसार वह पूर्णरूपेण अपठनीय व संतोषजनक नहीं है।
ऐसी परिस्थिति में चुनाव समिति ने आगामी चुनाव 2025 में आरोपी अधिवक्ता के मताधिकार के प्रयोग को निरस्त करने का निर्णय लिया। चुनाव समिति ने उक्त पूरी प्रक्रिया की जानकारी नोटिस के माध्यम से उक्त अधिवक्ता को दी है।
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(Udaipur Kiran) / रामानंद पांडे
