नई दिल्ली, 18 जुलाई (Udaipur Kiran) । आदि शंकराचार्य की जन्मभूमि कालड़ी (केरल) में 25 से 28 जुलाई के बीच ज्ञान सभा आयोजित की जा रही है। चार दिवसीय कार्यक्रम के प्रथम दो दिन राष्ट्रीय चिंतन बैठक का आयोजन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत के सानिध्य में संपन्न होगा। इसमें संगठन की कार्य-योजना और लक्ष्य के दृष्टिकोण की दिशा में अल्पकालिक और दीर्घकालिक कार्य-योजना पर चिंतन होगा।
न्यास के राष्ट्रीय सचिव डॉ. अतुल कोठारी ने शुक्रवार को यहां पत्रकार वार्ता में बताया कि इसके अतिरिक्त 27 जुलाई को शिक्षा में भारतीयता विषय पर एक सार्वजनिक कार्यक्रम भी प्रस्तावित है, जिसमें शिक्षा में भारतीयता विषय पर मोहन भागवत का व्याख्यान होगा। इसमें केरल के राज्यपाल राजेंद्र अर्लेकर की विशेष उपस्थिति रहेगी। इस सम्मेलन में प्रमुख रूप से केरल के शिक्षाविद व गणमान्य नागरिक सहभागिता करेंगे।
28 जुलाई को ज्ञान सभा : विकसित भारत हेतु शिक्षा विषय पर एक राष्ट्रीय शैक्षिक मंथन का आयोजन होगा। डॉ. अतुल कोठारी ने कही। उन्होंने आगे कहा कि इस महत्वपूर्ण आयोजन में अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रो टीजी सीताराम, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के उपाध्यक्ष प्रो दीपक श्रीवास्तव, माता अमृतानंदमयी, महर्षि महेश योगी संस्थान, गायत्री परिवार, पतंजलि, आर्ट ऑफ लिविंग, स्वामी विवेकानंद योग अनुसंधान केंद्र आदि जैसे विभिन्न राष्ट्रव्यापी आध्यात्मिक, शैक्षिक संगठनों एवं संस्थानों के प्रमुख तथा विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति, केंद्रीय संस्थानों के निदेशक भी उपस्थित रहेंगे। साथ ही इस आयोजन में उत्तराखंड, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात, पुद्दुचेरी के शिक्षा मंत्रियों तथा शिक्षा सचिवों की भी विशेष उपस्थिति रहेगी।
बैठक के प्रमुख बिंदु निम्नलिखित हैं-
संगठनात्मक योजना : देशभर में न्यास के कार्यों की समीक्षा और आगामी चार वर्षों की कार्ययोजना पर मंथन होगा। भारतीय शिक्षा का पुनरुत्थान : शिक्षा में भारतीयता के तत्वों की पहचान और संस्थागत कार्यों में उसका समावेश। ज्ञानोत्सव से ज्ञान महाकुंभ तक : भारत में नवशैक्षिक चेतना के जागरण हेतु चलाए गए अभियानों की समीक्षा एवं भावी रणनीति। शिक्षा में भारतीयता (27 जुलाई) : शिक्षा में भारतीयता विषय पर केरल के शिक्षाविद, गणमान्य नागरिकों के बीच डॉ भागवत का संबोधन होगा। 27 जुलाई को दोपहर 2 बजे से केरल के प्रमुख शिक्षाविदों का केरल की शिक्षा के गुणवत्ता विकास हेतु एक संगोष्ठी का आयोजन किया जाएगा। राष्ट्रीय सम्मेलन ‘ज्ञान सभा’ (28 जुलाई) : जिसका विषय है – ‘विकसित भारत हेतु शिक्षा;, इसमें देशभर के शिक्षाविद, नीति-निर्माता एवं संस्थाओं के प्रमुख सहभागिता करेंगे।
महत्वपूर्ण दिवसों का आयोजन : न्यास द्वारा प्रमुखता से इन चार दिवस को हर वर्ष मनाया जाता है, उनकी समीक्षा और अनुवर्तन की योजना बनायी जाएगी। 2 जुलाई (न्यास स्थापना दिवस), 14 सितंबर (हिन्दी दिवस), 22 दिसंबर (राष्ट्रीय गणित दिवस), 21 फरवरी (अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस) को देशव्यापी स्तर पर मनाने की कार्ययोजना है।
डॉ कोठारी ने कहा कि हम सब भली-भांति जानते हैं कि किसी भी राष्ट्र के निर्माण में शिक्षा का आधारभूत स्थान होता है। जब भारत विश्व गुरु था तब हमारी शिक्षा व्यवस्था उत्कृष्ट थी, नालंदा, तक्षशिला जैसे अनेकों विश्वविद्यालयों में भारत के ही नहीं अपितु विदेश के छात्र भी उच्च कोटि की शिक्षा एवं ज्ञान प्राप्त करने के लिए आते थे। आज पुनः भारत को समर्थ, सशक्त व सम्पन्न अर्थात विकसित राष्ट्र बनाना है तब देश की शिक्षा के पुनरुत्थान से ही यह संभव हो सकेगा।
शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास की अध्यक्षा डॉ पंकज मित्तल ने वार्ता को कहा कि देश की शिक्षा को एक नया विकल्प देकर भारतीय शिक्षा का पुर्नरुत्थान हो, इस दिशा में न्यास प्रयासरत है।
शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के राष्ट्रीय सह संयोजक संजय स्वामी ने कहा कि इस बैठक व सम्मेलन में पारित किए गए संकल्प पत्र पर आगामी दिनों में देशव्यापी चर्चाएं आयोजित करके सुझाव एकत्रित करने का एक राष्ट्रव्यापी अभियान चलाया जाएगा।
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(Udaipur Kiran) / धीरेन्द्र यादव
