
शिमला, 18 जुलाई (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश में इस बार मानसून भारी तबाही लेकर आया है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की रिपोर्ट के अनुसार 20 जून से अब तक पूरे प्रदेश में वर्षा से जुड़े हादसों में 110 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 35 लापता हैं और 199 घायल हुए हैं। सबसे ज्यादा 20 मौतें मंडी जिले में हुई हैं, जहां 27 अभी भी लापता हैं। कांगड़ा में 19, कुल्लू में 11, हमीरपुर और चंबा में 9-9, और सोलन, बिलासपुर व ऊना में 8-8 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। इस बीच मौसम विभाग ने 24 जुलाई तक प्रदेश में भारी बारिश की आशंका जताई गई है।
मानसून से राज्य में करीब 1220 करोड़ की संपत्ति को नुकसान पहुंच चुका है। सरकारी विभागों में सबसे ज्यादा नुकसान लोक निर्माण विभाग को हुआ है। इसे करीब 546 करोड़ की क्षति हुई है जबकि जलशक्ति विभाग को भी 434 करोड़ का नुकसान उठाना पड़ा है। इसके अलावा पूरे प्रदेश में 377 घर और 256 दुकानें पूरी तरह तबाह हो चुकी हैं, वहीं 723 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। अकेले मंडी जिले में ही सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है, जहां 350 घर, 233 दुकानें और 746 गौशालाएं पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं, जबकि 544 घरों को आंशिक नुकसान पहुंचा है।
पशुपालन और कृषि क्षेत्र को भी नुकसान से राहत नहीं मिली है। अब तक प्रदेश में 21,500 पोल्ट्री पक्षी और 1272 पालतू पशु मारे जा चुके हैं। इस मानसून सीजन में हिमाचल में अब तक बादल फटने की 22 घटनाएं, अचानक बाढ़ की 32 घटनाएं और भूस्खलन की 19 घटनाएं दर्ज की गई हैं।
भारी बारिश और भूस्खलन से प्रदेशभर में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। शुक्रवार को कुल 250 सड़कें यातायात के लिए बंद पड़ी हैं, जिनमें सबसे ज्यादा मंडी जिले में 182 सड़कें बंद हैं। सिरमौर जिले में 26, कुल्लू में 23, कांगड़ा में 10, सोलन में 6 और ऊना में 3 सड़कें बाधित हैं। मंडी जिले में 30 जून को बादल फटने की घटना के बाद से हालात अब तक सामान्य नहीं हो पाए हैं। बीती रात मंडी के जोगिंदरनगर और शिमला के सराहन में सबसे ज्यादा 40-40 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई, जबकि सिरमौर के जतौंन बैरेज, कुल्लू के कोठी और शिमला के शिलारू में 30-30 मिलीमीटर वर्षा हुई।
इसके अलावा बिजली और पानी की आपूर्ति भी बुरी तरह प्रभावित हुई है। पूरे प्रदेश में 81 बिजली ट्रांसफार्मर और 61 पेयजल योजनाएं ठप पड़ी हैं। मंडी जिले में सबसे ज्यादा 39 ट्रांसफार्मर और 50 पेयजल योजनाएं ठप हैं, जबकि कुल्लू जिले में भी 40 ट्रांसफार्मर काम नहीं कर रहे हैं।
इस बीच मौसम विभाग ने आने वाले दिनों के लिए भी चेतावनी जारी की है। अगले छह दिन यानी 24 जुलाई तक प्रदेश में भारी बारिश की आशंका जताई गई है। 21 और 22 जुलाई को शिमला, मंडी, सोलन और सिरमौर समेत कई जिलों में बहुत भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट घोषित किया गया है। 19 जुलाई को प्रदेश के कुछ इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है, लेकिन इस दिन कोई चेतावनी जारी नहीं की गई है। 20 जुलाई को शिमला, सोलन, सिरमौर और बिलासपुर में भारी बारिश को लेकर येलो अलर्ट रहेगा। 22 जुलाई को शिमला, मंडी, सोलन, सिरमौर और कांगड़ा जिलों में फिर ऑरेंज अलर्ट रहेगा, जबकि उना, बिलासपुर, हमीरपुर, चंबा और कुल्लू में येलो अलर्ट जारी किया गया है। 23 जुलाई को भी भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है।
राजधानी शिमला और आसपास के इलाकों में शुक्रवार दोपहर तक रुक-रुककर बारिश होती रही, जिसके बाद मौसम खुला और हल्की धूप से ठंडक का अहसास बढ़ा। किन्नौर में भारी बारिश के चलते पवित्र किन्नर कैलाश यात्रा को शुक्रवार को स्थगित कर दिया गया।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
