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हाईकोर्ट ने प्रत्याशी नरेंद्र देउपा को चुनाव में प्रतिभाग करने की दी अनुमति

नैनीताल हाईकोर्ट।

-हाईकोर्ट ने नामांकन निरस्तीकरण पर लगाई रोक

नैनीताल, 18 जुलाई (Udaipur Kiran) । उत्तराखंड हाईकोर्ट ने जिला पंचायत डीडीहाट क्षेत्र से जिला पंचायत सदस्य पद के प्रत्याशी नरेंद्र सिंह देऊपा के नामांकन पत्र निरस्त करने के मामले में दायर याचिका पर सुनवाई के बाद उन्हें चुनाव में भाग लेने की अनुमति दे दी है। मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने इस मामले की सुनवाई की।मामले के अनुसार, डीडीहाट निवासी नरेंद्र सिंह देऊपा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि उसने जिला पंचायत सदस्य के चुनाव के लिए नामांकन फार्म भरा लेकिन रिटर्निंग अधिकारी ने इस आधार पर उसका नामांकन निरस्त कर दिया कि उन्होंने आपराधिक केसों का जिक्र फार्म में नहीं किया है। उस कॉलम को नहीं भरा। या​चिका में कहा कि जो नामांकन पत्र का प्रारूप राज्य निवार्चन आयोग की तरफ से बनाया गया​ था वह राज्य पंचायतीराज नियमावली की धारा 9 के विरुद्ध है। जबकि वह आपराधिक केसों में पहले ही बरी हो चुके है। उस कालम को भरना जरूरी नहीं था। राज्य चुनाव आयोग ने उनका नामांकन फार्म गलत तरह से रद्द कर दिया। इस मामले में एकलपीठ ने देऊपा की याचिका को निरस्त कर दिया था, एकलपीठ के इस आदेश के ​खिलाफ याचिकाकर्ता ने खंडपीठ के समक्ष स्पेशल अपील की। खंडपीठ ने एक्ट के विरुद्ध जाकर उनका नामांकन पत्र को निरस्त करने के आदेश पर रोक लगा दी। सुनवाई पर कोर्ट ने राज्य निवार्चन आयोग से पूछा कि क्या चुनाव के सिंबल जारी हो गए है। जिस पर आयोग की तरफ से कहा गया कि नामांकन पत्रों की स्क्रूटनी हो चुकी है। जिनका फार्म सही नही था, उसे एक्ट के विरुद्ध मानकर रिटर्निंग अधिकारी ने निरस्त कर दिया।

मतपत्र छपने के लिए प्रेस में भेज दिए गए है इस पर कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि इलेक्शन हुआ नहीं है, कोर्ट में पीड़ितों की याचिकाएं विचाराधीन है लेकिन सिंबल आवंटन से पहले कैसे बैलेट पेपर की प्रिंटिंग की जा सकती है। कौन उम्मीदवार को क्या सिंबल पर चुनाव चाहता है, उसकी पसंद का ख्याल नही रखा।

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(Udaipur Kiran) / लता

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