
कोलकाता, 18 जुलाई (Udaipur Kiran) । पश्चिम बंगाल की राजनीति में ‘बांग्ला अस्मिता’ यानी बंगाली अस्मिता को लेकर अब नया मोड़ आ गया है। तृणमूल कांग्रेस जहां इस मुद्दे को लेकर भाजपा पर हमलावर है, वहीं अब भाजपा ने भी इसी अस्मिता को हथियार बनाकर तृणमूल को घेरना शुरू कर दिया है। शुक्रवार को दुर्गापुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में पश्चिम बंगाल भाजपा के नए अध्यक्ष शमिक भट्टाचार्य ने तृणमूल पर तीखा हमला किया और ‘बांग्ला अस्मिता’ के मुद्दे को अपने तरीके से परिभाषित किया।
दुर्गापुर की जनसभा में शमिक भट्टाचार्य ने कहा कि आज बंगाल जीना चाहता है, बंगाल मुक्ति चाहता है, बंगाल अपने घर के बेटे को घर में रखना चाहता है, उसे घर का भोजन देना चाहता है। बंगाल के लोग औद्योगिकीकरण चाहते हैं। मैं प्रधानमंत्री से अपील करता हूं कि हमें 1950-60 के दशक का दुर्गापुर-असांसोल वापस दीजिए। हमें उद्योग चाहिए, बिना इसके बंगाल का विकास संभव नहीं है।
उन्होंने आगे कहा कि भाजपा की सरकार बनने पर एक साल के भीतर राज्य में उद्योग लाया जाएगा। उद्योगपतियों से आग्रह करते हुए उन्होंने कहा कि बस एक साल और इंतजार कीजिए, आप बंगाल को निवेश के अनुकूल राज्य पाएंगे। हमारे पास सबकुछ है— पैसा, प्रतिभा, जनशक्ति, जल और अब दुनिया के लिए हमारे द्वार खुले हैं।
‘बांग्ला अस्मिता’ के नाम पर तृणमूल को घेरते हुए शमिक भट्टाचार्य ने कहा कि आज बंगाल से बाहर जाकर बंगाली लोग अपने आप को स्थापित कर रहे हैं। लेकिन पश्चिम बंगाल में जो पार्टी सत्ता में है, वह लोगों की असली समस्याओं से ध्यान भटकाने के लिए उग्र प्रादेशिकता की राजनीति कर रही है। हमें याद रखना होगा कि हम पहले भारतीय हैं, फिर बंगाली। यह शिक्षा हमें रवींद्रनाथ ठाकुर और बंकिमचंद्र से मिली है।
शमिक ने राज्य की जनता से राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर एकजुट होने की अपील करते हुए कहा कि हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई में आगे बढ़ना चाहते हैं। आज की राजनीति विकास की होनी चाहिए। हम नया बंगाल चाहते हैं, जिसमें उद्योग पुनर्जीवित हो और सामाजिक-आर्थिक हालात में सुधार हो। हम बंगाल को ‘पश्चिम बांग्लादेश’ या ‘इस्लामिक रिपब्लिक’ नहीं बनने देंगे। आप किसी भी विचारधारा से हों, अभी कुछ समय के लिए झंडे और रंग भूल जाइए। पहले तृणमूल को हटाइए, फिर जो पार्टी चाहें चुन लीजिए। हमें संघर्ष नहीं, समन्वय चाहिए। दंगा नहीं, शांति चाहिए।”
भाजपा पर पलटवार करते हुए तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयप्रकाश मजूमदार ने कहा कि भाजपा बंगाली अस्मिता को समझ ही नहीं सकती। बंगाली अस्मिता सिर ऊंचा कर जीने में है, गर्व से अपनी भाषा बोलने में है। भाजपा ने बंगालियों को पेट पर लात मारी है, बंगाली बोलने वालों को बांग्लादेशी कहा है। बंगाल को आर्थिक रूप से प्रताड़ित किया है। आज वही पार्टी बंगाली अस्मिता की बात कर रही है। जनता हर कदम पर इसका जवाब देगी।
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(Udaipur Kiran) / धनंजय पाण्डेय
