
जोधपुर, 18 जुलाई (Udaipur Kiran) । दुष्कर्म के आरोपों के मामले में फंसे भाजपा के पूर्व नेता भंवर सिंह पलारा को बड़ी राहत मिली है। उन्हें राजस्थान हाईकोर्ट ने बरी कर दिया है। राजस्थान हाईकोर्ट की जोधपुर पीठ ने कहा कि सभी रिकॉर्ड देखने और 24 मई 2022 को पीडि़ता द्वारा दिए गए बयान पर विचार करने के बाद यह प्रारंभिक (प्राइमा फेसि) राय बनाई है कि इस एफआईआर की जांच जारी रखना न केवल याचिकाकर्ताओं के लिए, बल्कि खुद पीडि़ता के लिए भी परेशान करने वाला होगा।
इसके अलावा, पीडि़ता खुद अदालत में पेश हुई और वही बात दोहराई जो उसने मजिस्ट्रेट के सामने धारा 164 के तहत अपने बयान में कही थी, कि यह शिकायत गलती से और दबाव में दर्ज कराई गई थी। उसने यह भी बताया कि शिकायत देने के तुरंत बाद, जब एफआईआर दर्ज नहीं हुई थी, तभी उसने जांच अधिकारी से अनुरोध किया था कि आगे कार्रवाई न की जाए। इसलिए अदालत की प्रारंभिक राय है कि यह एफआईआर केवल आपसी समझौते के आधार पर नहीं, बल्कि अपने आप में ही खत्म की जानी चाहिए। गौरतलब है कि रेप के आरोपों के मामलों में तब राजस्थान सरकार ने दो आरपीएस अधिकारियों को निलंबित कर दिया था। इन दोनों अधिकारियों के नाम भीलवाड़ा जिले में एक महिला उपनिरीक्षक की तरफ से रिपोर्ट दर्ज करवाई गई थी। एफआईआर में महिला अधिकारी ने पलारा पर उसके साथ दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था।
गृह विभाग ने जारी किए थे आदेश
गृह विभाग ने आरपीएस अधिकारी संजय गुप्ता और गजेन्द्र सिंह जोधा के निलंबन के आदेश जारी किए थे। गुप्ता अजमेर के किशनगढ़ में पुलिस प्रशिक्षण केंद्र में कमांडेट के पद पर तैनात थे जबकि जोधा तैनाती के आदेश की प्रतीक्षा (एपीओ) में थे। गृह विभाग के संयुक्त सचिव राजेन्द्र सिंह तंवर ने निलंबन आदेश में कहा था कि अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच चल रही है और जांच के नतीजे आने तक उन्हें निलंबित किया जाता है।
बारह लोगों को किया था नामजद
पुलिस सूत्रों ने बताया था कि महिला उपनिरीक्षक ने भीलवाड़ा के प्रतापनगर थाने में भंवर सिंह पलारा के खिलाफ रेप का मामला दर्ज करवाया। महिला उपनिरीक्षक ने एफआईआर में में 12 लोगों को नामजद किया था। अपनी शिकायत में महिला उपनिरीक्षक ने बताया कि जब वो नागौर में तैनात थी तब अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संजय गुप्ता ने तबादले के लिए उसे पलारा से मिलने को कहा था, उसका बाद में भीलवाड़ा में स्थानांतरण हो गया था। उसने भीलवाड़ा के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक गजेन्द्र सिंह पर पलारा की मदद करने का आरोप लगाया था
(Udaipur Kiran) / सतीश
