नई दिल्ली, 15 जुलाई (Udaipur Kiran) । केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने उत्तर रेलवे की गति शक्ति परियोजना से जुड़े एक गंभीर भ्रष्टाचार मामले का भंडाफोड़ करते हुए पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए आरोपितों में लखनऊ स्थित गति शक्ति इकाई के उप मुख्य अभियंता, एसएसई (ड्रॉइंग्स), कार्यालय अधीक्षक (ओएस), तथा एक निजी कंपनी के दो कर्मचारी शामिल हैं।
यह मामला 14 जुलाई 2025 को सीबीआई द्वारा दर्ज किया गया था, जिसमें उत्तर रेलवे व उत्तर पूर्व रेलवे के कई अधिकारियों तथा निजी कंपनी के कर्मियों के विरुद्ध रिश्वतखोरी व अनियमितताओं के आरोप लगाए गए थे। निजी कंपनी को वाराणसी के भदोही में गति शक्ति परियोजना का ठेका दिया गया था, जिसकी निगरानी उप मुख्य अभियंता द्वारा की जा रही थी।
सीबीआई ने कार्रवाई करते हुए 14 जुलाई को एक निजी कंपनी के कर्मचारी को रंगे हाथों रिश्वत सौंपते हुए गिरफ्तार किया। वह रिश्वत की रकम उप मुख्य अभियंता, ओएस, एसएसई (ड्रॉइंग्स) और सहायक एक्सईएन को पहुंचा रहा था। उप मुख्य अभियंता के पास से ₹2.50 लाख, तथा कार्यालय अधीक्षक के पास से ₹80,000 की नकद राशि बरामद हुई, जो रिश्वत के रूप में स्वीकार की जा रही थी।
सीबीआई ने लखनऊ में 4, वाराणसी में 6 और गाजियाबाद में एक ठिकानों पर तलाशी अभियान चलाया, जहां से कई आपत्तिजनक दस्तावेज और सबूत जब्त किए गए। सभी पांचों आरोपितों को 15 जुलाई को लखनऊ स्थित सीबीआई की विशेष अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें 28 जुलाई 2025 तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
इस बीच, आरोपित सहायक एक्सईएन फरार है, जिस पर 2.75 लाख रुपये की रिश्वत का आरोप है। सीबीआई उसकी तलाश में लगातार छापेमारी कर रही है।
——————
(Udaipur Kiran) / आकाश कुमार राय
