श्रीनगर, 15 जुलाई (Udaipur Kiran) । मुख्य सचिव अटल डुल्लू ने आज केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय (जनजातीय कार्य मंत्रालय) के सचिव विभु नायर के साथ मिलकर जम्मू-कश्मीर में जनजातीय कल्याण और विकास के उद्देश्य से धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान (डीए-जेजीयूए) और आदि कर्मयोगी अभियान के कार्यान्वयन पर विस्तृत विचार-विमर्श किया।
बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने जनजातीय क्षेत्रों में भागीदारीपूर्ण शासन सुनिश्चित करते हुए सेवाओं की अंतिम छोर तक पहुँच को मजबूत करने के लिए स्थानीय अधिकारियों और सामुदायिक संसाधन व्यक्तियों के बीच क्षमता निर्माण की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने अधिकारियों से ज़मीनी स्तर पर सक्रिय रहने और समुदायों के साथ निकटता से जुड़ने तथा संबंधित विभागों के साथ समन्वित दृष्टिकोण अपनाकर स्थानीय मुद्दों का समाधान करने का आह्वान किया।
सशक्त मानव संसाधनों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए डुल्लू ने अतिरिक्त मुख्य सचिव, योजना को विभिन्न विभागों में सक्षम संसाधन व्यक्तियों की पहचान करने का निर्देश दिया जिन्हें मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षित किया जा सके। उन्होंने कहा कि ये प्रशिक्षक ज़िला और ब्लॉक स्तरों पर क्षमता निर्माण करेंगे जिससे पूरे केंद्र शासित प्रदेश में एक प्रभावी कार्यान्वयन तंत्र का संस्थागतकरण होगा।
उन्होंने कहा कि इन अंतरालों को दूर करने के प्रस्ताव संबंधित विभागों के सहयोग और डीए-जेजीयूए के तहत वित्त पोषण प्रावधानों के साथ अभिसरण मोड में तैयार किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन अब प्रत्येक आदिवासी गांव के लिए विस्तृत प्रस्ताव प्रस्तुत करने की स्थिति में है जिससे जमीनी हकीकत के आधार पर लक्षित हस्तक्षेप सुनिश्चित हो सके। इन्हें आदिवासी क्षेत्रों में निर्बाध क्रियान्वयन और विकास के लिए विभागीय योजनाओं में एकीकृत किया जाएगा।
(Udaipur Kiran) / रमेश गुप्ता
