
नई दिल्ली, 14 जुलाई (Udaipur Kiran) । आयकर विभाग ने सोमवार को देशभर में कई जगहों पर बड़े पैमाने पर छापेमारी की है, जिसमें आयकर रिटर्न (आईटीआर) में कटौतियों और कर छूटों के फर्जी दावे करने वाले व्यक्तियों और संस्थाओं को निशाना बनाया गया। यह कार्रवाई आयकर अधिनियम, 1961 के तहत पेशेवर बिचौलियों की मिलीभगत से कर लाभों के दुरुपयोग के विस्तृत विश्लेषण के बाद की गई है।
वित्त मंत्रालय के मुताबिक आयकर विभाग की जांच से इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) तैयार करने वालों और बिचौलियों के संगठित रैकेट का पर्दाफ़ाश हुआ है, जो फर्जी कटौतियों और छूटों का दावा करते हुए रिटर्न दाखिल कर रहे थे। मंत्रालय के मुताबिक इन धोखाधड़ीपूर्ण दाखिलों में लाभकारी प्रावधानों का दुरुपयोग शामिल है, यहां तक कि कुछ लोग अत्यधिक रिफंड का दावा करने के लिए झूठे टीडीएस रिटर्न भी दाखिल करते हैं।
मंत्रालय के मुताबिक संदिग्ध पैटर्न की पहचान करने के लिए आयकर विभाग ने तृतीय-पक्ष स्रोतों, जमीनी स्तर की खुफिया जानकारी और उन्नत कृत्रिम बुद्धिमत्ता उपकरणों से प्राप्त वित्तीय आंकड़ों का उपयोग किया है। आयकर विभाग के महाराष्ट्र, तमिलनाडु, दिल्ली, गुजरात, पंजाब और मध्य प्रदेश में हाल ही में की गई तलाशी और जब्ती की कार्रवाइयों से विभिन्न समूहों और संस्थाओं की धोखाधड़ी के सबूत पाए गए। पिछले एक साल में आयकर विभाग ने एसएमएस और ई-मेल परामर्श सहित व्यापक संपर्क अभियान चलाए हैं, जिससे संदिग्ध करदाताओं को अपने रिटर्न संशोधित करने और सही कर भुगतान करने के लिए प्रेरित किया जा सके।
मंत्रालय के मुताबिक पिछले चार महीनों में लगभग 40 हजार करदाताओं ने अपने रिटर्न अपडेट किए हैं और स्वेच्छा से 1,045 करोड़ रुपये के झूठे दावे वापस लिए हैं। वित्त मंत्रालय ने कहा कि आयकर विभाग अब लगातार जारी धोखाधड़ी के दावों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए तैयार है। आयकर विभाग के 150 परिसरों में चल रहे सत्यापन अभियान से डिजिटल रिकॉर्ड सहित महत्वपूर्ण साक्ष्य मिलने की उम्मीद है, जिससे इन योजनाओं के पीछे के नेटवर्क को ध्वस्त करने और कानून के तहत जवाबदेही सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।
आयकर विभाग ने करदाताओं को फिर से सलाह दी है कि वे अपनी आय और संचार निर्देशांक का सही विवरण दर्ज करें और अनधिकृत एजेंटों या बिचौलियों की सलाह से प्रभावित न हों, जो अनुचित धनवापसी का वादा करते हैं।
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(Udaipur Kiran) / प्रजेश शंकर
