Delhi

वेलकम हादसे में सभी शवों का हुआ पोस्टमार्टम

वेलकम हादसे में अस्पताल की फोटो

नई दिल्ली, 13 जुलाई (Udaipur Kiran) । उत्तर-पूर्वी दिल्ली के वेलकम इलाके में शनिवार को हुई इमारत गिरने के मामले में एक ही परिवार के छह सदस्यों लाेगाें के शवाें का पाेस्टमार्टम कराने के बाद परिजनाें काे साैंपा। मामले से जुड़े अधिकारी ने बताया कि चार मंजिला इमारत में बचाव अभियान अब समाप्त हो गया है। उल्लेखनीय है कि वेलकम इलाके स्थित जनता कॉलोनी में शनिवार सुबह दर्दनाक हादसा हुआ, जिसने पूरे इलाके को सकते में डाल दिया। इलाके की चार मंजिला पुरानी इमारत अचानक भरभराकर गिरने से इमारत में मौजूद कई लोग दब गए थे। मलबे में दबे लोगों को बचाव दल ने कड़ी मशक्कत के बाद बाहर निकाला और जीटीबी अस्पताल पहुंचाया।

अस्पताल में डॉक्टरों ने छह लोगों को मृत घोषित कर दिया। जिसमें परिवार के मुखिया, उनकी पत्नी और उनके चार बच्चे शामिल हैं। परिवार के चार अन्य सदस्य घायल है। जिनमें से तीन को प्राथमिक इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई है। लेकिन एक मासूम बच्चा अभी भी जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहा है।

मृतकों में इमारत के मालिक अब्दुल मतलूब (50), उनकी पत्नी राबिया (46), बेटे जावेद (23) और अब्दुल्ला (15), बेटी जुबिया (27) और दो साल की पोती फोजिया शामिल हैं. वहीं, मतलूब के बेटे परवेज (32), नावेद (19), परवेज की पत्नी सिजा और उनका एक साल का बेटा अहमद, और पड़ोसी परिवार के चार अन्य सदस्य घायल हैं।

परिवार के एक रिश्तेदार ने बताया कि एक ही झटके में पूरा परिवार उजड़ गया है। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि दिल्ली में पुरानी और कमजोर इमारतों की समय-समय पर जांच की जाए ताकि भविष्य में ऐसे हादसों को टाला जा सके। हादसे के बाद इलाके में मातम पसरा हुआ है और लोग खुलकर प्रशासन की लापरवाही पर सवाल उठा रहे हैं। वहीं पुलिस अधिकारी ने बताया, हमने बीएनएस की विभिन्न धाराओं के तहत एक प्राथमिकी दर्ज कर ली है और मामले की आगे की जांच शुरू कर दी है।

इमारत गिरने की घटना की सभी पहलुओं से जांच के लिए कई टीमें गठित की गई हैं। वहीं इमारत में रहने वाला ये परिवार ड्राई क्लीनिंग का व्यवसाय करता था। यह परिवार हाल ही में 20 साल पुरानी इस इमारत में रहने आया था, जबकि गौतमपुरी स्थित उनके पिछले घर में इस साल की शुरुआत में आग लग गई थी। स्थानीय लोगों ने बताया कि हादसे के बाद दमकलकर्मियों के पहुंचने से पहले ही मदद के लिए कई स्थानीय लोग दौड़ पड़े थे।

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(Udaipur Kiran) / कुमार अश्वनी

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