जबलपुर, 21 नवंबर (Udaipur Kiran) । कुलपति की नियुक्ति को फर्जी बताते हुए एनएसयूआई ने गुरुवार को रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि कुलपति अपने पद से इस्तीफा दें। कुलपति डॉ. राजेश वर्मा जब मीटिंग कर रहे थे, तभी एनएसयूआई के कार्यकर्ता अचानक हॉल में पहुंच गए। उन्होंने बैठक के बीच नकली नोटों से भरा सूटकेस पलटा दिया।
कुलपति ने जवाब देते हुए कहा कि प्रदर्शन करने वालों को ये जानकारी ही नहीं हैं, कि उनकी नियुक्ति यूजीसी से हुई है, पहले वहां जाकर पता करे, फिर नियुक्ति पर सवाल खड़े करें। यदि किसी को आपत्ति है, तो हाईकोर्ट या राज्यपाल कार्यालय में शिकायत दर्ज करा सकते हैं। कुलपति ने यह भी कहा कि नकली नोटों के इस्तेमाल से भारतीय मुद्रा का अपमान हुआ है। इस तरह का प्रदर्शन करना भारतीय मुद्रा का अपमान है। प्रशासनिक अधिकारियों से इस मुद्दे पर बात की जाएगी
एनएसयूआई ने कुलपति को 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया है कि यदि इस्तीफा नहीं दिया गया, तो विश्वविद्यालय में उग्र आंदोलन किया जाएगा।
एनएसयूआई का आरोप है कि, डॉ. राजेश वर्मा इस पद के योग्य नहीं हैं। उनके पास कुलपति बनने के लिए आवश्यक अनुभव या योग्यता नहीं है। 2008 में पीएचडी करने के बाद 2009 में प्रोफेसर बन जाना और फिर इतने कम अनुभव के बावजूद कुलपति बन जाना अपने आप में एक बड़ा सवाल है। एनएसयूआई के पास कुलपति की नियुक्ति से जुड़े कई दस्तावेज हैं, जिन्हें जल्द ही पत्रकार वार्ता में सार्वजनिक किया जाएगा।
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(Udaipur Kiran) / विलोक पाठक