जयपुर, 19 नवंबर (Udaipur Kiran) । थप्पड़कांड विवाद में ग्रामीणों पर दर्ज मुकदमों को लेकर मंगलवार काे कृषि मंत्री किरोड़ीलाल मीणा ने गृह राज्यमंत्री जवाहर सिंह बेढ़म से जयपुर में मुलाकात की। किरोड़ी के साथ ग्रामीणों का प्रतिनिधिमंडल भी था। वार्ता के बाद किरोड़ी प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों पर भड़क गए। उन्होंने कहा कि तुम लोग बदल-बदल कर बयान क्यों दे रहे हो। अब मैं मुख्यमंत्री के पास नहीं जाऊंगा। हालांकि, बाद में किरोड़ीलाल ग्रामीणों के साथ सीएम से मिलने पहुंचे थे।
मुलाकात के बाद मंत्री किरोड़ीलाल मीणा, जवाहर सिंह बेढ़म और कन्हैया लाल ने संयुक्त बयान जारी किया था। इसमें समरावता (टोंक) गांव में हुई हिंसा की जांच संभागीय आयुक्त स्तर पर कराने पर सहमति बनने की जानकारी थी। इसके बाद मौके पर मौजूद कुछ ग्रामीणों ने इस पर आपत्ति जता दी। एक ग्रामीण ने कहा कि हम संभागीय आयुक्त स्तर पर होने वाली जांच से सहमत नहीं हैं। हम चाहते हैं कि हिंसा की न्यायिक जांच होनी चाहिए। मामले में निष्पक्ष जांच न्यायिक स्तर पर ही हो सकती हैं। इस बात का पता चलने पर मंत्री किरोड़ी लाल मीणा अपनी गाड़ी से नीचे उतरकर ग्रामीणों की गाड़ी के पास आए। उन पर भड़क गए। किरोड़ी ने कहा कि तुम लोग लोगों से बात होने के बाद ही हमने मीडिया में बयान जारी किया था। अब तुम लोग बदल-बदल कर बयान क्यों दे रहे हो। इससे गलत मैसेज जाता है। हम लोग आप पर दवाब बना रहे हैं। तुम में से कौन कह रहा है कि कलेक्टर-एसपी को गिरफ्तार करो।
उन्होंने कहा कि अब मैं मुख्यमंत्री के पास नहीं जाऊंगा। गहलोत, डोटासरा और पायलट के पास चले जाओ। अगर वो कलेक्टर-एसपी को गिरफ्तार करा दे तो। नीचे उतरो अपना बयान सही करो। अब तुम लोग कह रहे हो कि तुम सहमत नहीं हो। अगर आप लोग सहमत नहीं थे तो आपने हां क्यों भरी थी। देवली-उनियारा विधानसभा के समरावता (टोंक) गांव में उपचुनाव में वोटिंग (13 नवंबर) का बहिष्कार किया गया था। निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ग्रामीणों के साथ धरने पर बैठे थे। इसी दौरान नरेश मीणा ने अधिकारियों पर जबरन मतदान करवाने का आरोप लगाया था। उन्होंने पोलिंग बूथ में घुसने की कोशिश। इसके बाद बाहर आकर एसडीएम अमित चौधरी को थप्पड़ मार दिया था। वोटिंग का टाइम खत्म होने के बाद पोलिंग पार्टियों रवाना हो गईं। इसके बाद मौके पर हंगामा हो गया। पुलिस की गाड़ी और जीप तोड़ दी गई थी। इस बीच पुलिस ने रात करीब 9.30 बजे नरेश मीणा को हिरासत में ले लिया था। मीणा के समर्थकों को जैसे ही इसकी जानकारी मिली, वे और भड़क गए थे। सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण ने पुलिस को घेर लिया और मीणा को छुड़ाकर ले गए थे। पुलिस के लाठीचार्ज करने पर नरेश मीणा के समर्थक भड़क गए और पथराव-आगजनी कर दी थी। बवाल में 50 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। इनमें 10 पुलिसवाले भी शामिल थे। वहीं, 14 नवंबर सुबह करीब 9.30 बजे नरेश मीणा अचानक समरावता गांव पहुंचे थे और पुलिस पर मारपीट का आरोप लगाया था। दोपहर करीब 12 बजे नरेश मीणा को गिरफ्तार किया गया था।
इस घटना को लेकर भजनलाल सरकार के मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने मंगलवार को समरावता गांव के प्रतिनिधि मंडल के साथ गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम से मिलने उनके आवास पर पहुंचे। जहां उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि ग्रामीणों ने सरकार के सामने अपनी चार मांगें रखी थीं, इनकी सभी मांगों को मान लिया गया है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि हम इनके हर तरह के नुकसान की भरपाई करेंगे। एक असेसमेंट रिपोर्ट बनाई जाएगी, जिसमें किसका कितना नुकसान हुआ, इसका जिक्र होगा। इस रिपोर्ट के आधार पर ही लोगों के इलाज, मकान और वाहन में हुए नुकसान की भरपाई की जाएगी। नाै निर्दोष लोगों को छोड़ दिया गया है। वहीं, 35 बाइक, सात कार का नुकसान हुआ, इसमें पुलिस के भी वाहन शामिल है जिनकी संभागीय आयुक्त जांच करेगा जिससे कि सीमित समय में लोगों को न्याय मिल सके। उन्होंने कहा कि हम अब सीएम भजनलाल शर्मा से मिलने जा रहे हैं। इस जांच रिपोर्ट में कितना समय लगेगा और कब तक ग्रामीणों को मदद मिल जाएगी, इसकी जानकारी मीटिंग के बाद ही मिल पाएगी। इसके साथ समरावता सहित पांच ग्राम पंचायतों को देवली उपखंड से हटाकर उनियारा उपखंड में शामिल करने पर भी सहमति बन गई है। गृहराज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम, कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा, कैबिनेट मंत्री कन्हैयालाल चौधरी और समरावता गांव के प्रतिनिधि मंडल के बीच हुई वार्ता में यह सहमति बनी।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जब किरोड़ी लाल मीणा से पूछा गया कि नरेश मीणा की गिरफ्तारी में देरी क्यों हुई? इसका जवाब देते हुए मंत्री ने कहा कि ये जांच का विषय है। डिविजन कमिशनर इस मामले की जांच कर रहे हैं। जैसे ही जांच पूरी हो जाएगी, वो रिपोर्ट सरकार को सौंपी जाएगी, जिसके बाद आगे की कार्रवाई होगी। इस मामले की ज्यूडिशियल इन्क्वायरी हमने टाल दी थी, क्योंकि उसमें बहुत समय चला जाता. और अगर न्याय समय पर नहीं मिलता तो लोग अधीर हो जाते. यही सब सोचकर हमनें डिविजन कमिशनर से एक सीमित समय में जांच पूरी करने के लिए कहा है।
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(Udaipur Kiran) / रोहित