– उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने एयूएपी के 17 वें सामान्य सभा सम्मेलन को किया संबोधित
भोपाल, 19 नवम्बर (Udaipur Kiran) । उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि मानवता के कल्याण के लिए शिक्षा अहम है। उपयुक्त, संस्कारयुक्त शिक्षा और समुचित उपचार की सुविधा, विकास को सार्थक बनाती है। विश्व के कल्याण के लिए सभी को एकजुट होकर सशक्त प्रयास करने होंगे। इस प्रयास में शैक्षणिक संस्थानों की महत्वपूर्ण भूमिका है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के गौरवशाली नेतृत्व में भारत “वसुधैव कुटुंबकम्” की अवधारणा से कार्य कर रहा है। सभी सुखी हों, सभी निरोगी हों, सभी का कल्याण हो इसी मूलमंत्र से प्रयास ज़ारी हैं। यह बात उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने मंगलवार को एसोसिएशन ऑफ़ यूनिवर्सिटीज एशिया एंड पैसिफिक (एयूएपी) के 17 वें सामान्य सभा सम्मेलन को संबोधित करते हुए कही।
उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने रोजगारपरक शिक्षा पर ज़ोर दिया है। शैक्षणिक सामग्री और विभिन्न पाठ्यक्रम में वैश्विक आवश्यकतानुसार योग्यताओं को शामिल करने पर कार्य किया गया है। उन्होंने कहा कि भारत आज सबसे तेज गति से बढ़ती अर्थव्यवस्था है, वर्ष 2047 तक भारत शीर्ष में होगा। इस कार्य के लिए सभी का प्रयास ज़रूरी है, सही शिक्षा, सही कुशलता ज़रूरी है।
शुक्ल ने कहा कि चिकित्सा सेवाओं को सशक्त करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 75 हज़ार एमबीबीएस सीटों की वृद्धि की जाने की घोषणा की गयी है। मध्यप्रदेश में वर्तमान में शासकीय एवं निजी चिकित्सा शिक्षा संस्थानों में 5 हज़ार एमबीबीएस सीट और 2250 पीजी सीट हैं। इन्हें आगामी 5 वर्षों में 8 हज़ार एमबीबीएस सीट और 5000 पीजी सीट तक ले जाने का लक्ष्य है।
उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने एसोसिएशन ऑफ़ यूनिवर्सिटीज एशिया एंड पैसिफिक (एयूएपी) के सफल आयोजन के लिए वाईस प्रेसिडेंट AUAP हरिमोहन गुप्त और आयोजकों को शुभकामनाएँ दीं। उल्लेखनीय है कि एयूएपी का पहली बार सम्मेलन भारत में आयोजित हुआ है। सम्मेलन में 35 देशों के विभिन्न विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
(Udaipur Kiran) / उम्मेद सिंह रावत