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प्रजना फाउंडेशन और ब्रह्मोस एयरोस्पेस की पहल से 15 हजार बेटियां लाभान्वित हुई 

प्रजना फाउंडेशन और ब्रह्मोस एयरोस्पेस की पहल से 15 हजार बेटियां लाभान्वित हुई

जयपुर, 19 नवंबर (Udaipur Kiran) । प्रजना फाउंडेशन और ब्रह्मोस एयरोस्पेस द्वारा शुरू किया गया प्रोजेक्ट किशोरी अपनी पहली यात्रा के अंतिम चरण में पहुंच चुका है। यह अभियान बेटियों के स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाने और समाज की मानसिकता में बदलाव लाने के लिए एक प्रभावशाली प्रयास साबित हुआ है।

पिछले ढाई महीनों में इस अभियान ने 100 से अधिक विद्यालयों, आंगनबाड़ी केंद्रों और कच्ची बस्तियों तक अपनी पहुंच बनाई। लगभग 15 हजार बेटियों को जागरूकता और स्वास्थ्य से संबंधित लाभ प्रदान किए गए। इस पहल ने न केवल बेटियों के स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित किया है, बल्कि उन्हें सशक्त बनाने की दिशा में एक नई शुरुआत भी की है। प्रोजेक्ट किशोरी ने यह साबित कर दिया कि जब सामूहिक प्रयास होता है, तो समाज में सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है। इस पहल से बेटियों के भविष्य को संवारने और उन्हें एक स्वस्थ जीवन प्रदान करने का सपना साकार होता दिख रहा है।

उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी ने किया शुभारंभ प्रोजेक्ट किशोरी की यात्रा की शुरुआत जयपुर के वैशाली नगर स्थित खण्डेलवाल गर्ल्स कॉलेज सभागार से हुई, जब प्रदेश की उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी ने इस पहल का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने महिलाओं के जीवन में आने वाली स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों का जिक्र करते हुए कहा कि महिलाओं को अपनी समस्याओं पर खुलकर बात करनी चाहिए।

दीया कुमारी ने इस पहल के महत्व को रेखांकित करते हुए यह भी कहा कि ऐसी शुरुआत महिलाओं को अपनी सेहत के बारे में आत्म-चिंतन करने और जागरूक होने के लिए प्रेरित करती है। यह न केवल एक स्वास्थ्य अभियान था, बल्कि महिलाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था। इस उद्घाटन ने एक बड़े बदलाव की शुरुआत की, जो बेटियों और महिलाओं के जीवन को बेहतर बनाने के लिए रास्ता खोलेगा।

प्रजना फाउंडेशन ने अभियान के तहत जयपुर जिले के 100 से अधिक विद्यालयों में जागरूकता शिविर आयोजित किए। इन शिविरों में 5 हजार से अधिक बेटियों को किशोरी किट वितरित किए गए। किशोरी किट में किशोरियों की स्वास्थ्य और स्वच्छता के लिए आवश्यक सामग्री थी। इसके साथ ही 15 हजार से अधिक बेटियों को विभिन्न स्वास्थ्य विषयों पर जागरूक किया गया।

इस यात्रा का एक और महत्वपूर्ण पहलू किशोरी क्लबों का गठन था। लगभग 1100 बेटियों को शामिल करते हुए सौ से अधिक किशोरी क्लबों का गठन किया गया, जो लड़कियों को अपने मुद्दों पर चर्चा करने और समर्थन पाने का एक मंच प्रदान करते हैं। इन क्लबों ने न केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य विषयों पर चर्चा की, बल्कि एक सामुदायिक समर्थन का माहौल भी बनाया। इस अभियान में सिर्फ विद्यालयों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि जयपुर की कच्ची बस्तियों और आंगनबाड़ियों में भी किट वितरण और जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। प्रजना फाउंडेशन ने 20 हजार से अधिक लाभार्थियों तक सीधी पहुंच बनाई, जो इस यात्रा की सफलता का एक बड़ा प्रमाण है।

प्रोजेक्ट किशोरी ने महिलाओं और बेटियों के मुद्दों पर खुली चर्चा को प्रोत्साहित किया, जिससे समाज में एक नए संवाद की शुरुआत हुई। कार्यक्रमों के दौरान, महिलाओं ने मंच का उपयोग करके अपनी बात रखी, जो समाज में महत्वपूर्ण बदलाव की ओर एक कदम था।

इस पहल ने माहवारी जैसे विषयों को लेकर बनी पुरानी टैबू की सोच को चुनौती दी। डॉक्टरों और विशेषज्ञों ने यह संदेश दिया कि महिलाओं को अपने स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर खुलकर बात करनी चाहिए, ताकि वे न केवल अपने जीवन को बेहतर बना सकें, बल्कि समाज के लिए भी एक स्वस्थ वातावरण का निर्माण कर सकें।

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(Udaipur Kiran)

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