प्रयागराज, 16 नवम्बर (Udaipur Kiran) । हमारी नैतिकता का मुख्य आधार सहानुभूति है। इसके माध्यम से हम दूसरों के दृष्टिकोण, जरूरत और इरादों को समझ सकते है तथा आवश्यकता अनुसार अपनी उपादेयता सिद्ध कर सकते हैं। यह बातें अंक ज्योतिष मर्मज्ञ एवं मोटिवेशनल लाइफ कोच डॉक्टर वैशाली जैन ने कही।
शनिवार को समदरिया स्कूल में “सहानुभूति और भावनात्मक बुद्धिमत्ता“ विषयक कार्यशाला में डॉक्टर जैन ने कहा कि भावनात्मक सहानुभूति का गुण व्यक्ति की संवेदनाओं का एक ऐसा प्रतिबिम्ब है जो समाज को गहराई से समझने और जोड़ने में मदद करता है। सहानुभूति की जड़ें हमारे शरीर और मस्तिष्क में दबी पड़ी हैं। अभ्यास के जरिए इस कौशल को विकसित किया जा सकता है। उन्होंने छात्रों को आगाह करते हुए स्पष्ट किया कि आप सबको अपनी सोच और भावनाओं को मिलाकर निर्णय लेने की क्षमता का विकास करना होगा। तभी एक सफल नागरिक बनने की कल्पना पूरी हो सकती है।
निदेशक डॉक्टर मणि शंकर द्विवेदी ने कहा कि वर्तमान में युवाओं के अंदर भावनात्मक बुद्धिमत्ता का हृास हो रहा है, जो भविष्य के लिए घातक है। जबकि यह स्वयं और दूसरों के साथ सफल सम्बंध बनाने और निभाने की महत्वपूर्ण कुंजी है। कोऑर्डिनेटर अनुपमा सिंह ने अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन मोहिनी अग्रहरि तथा आभार ज्ञापन कादम्बरी द्विवेदी ने किया। इस अवसर पर मृणाल जतिन, चेतना त्रिपाठी, संगीता पाल, नेहा भारतीय, अनीता, सचिन कुमार, विनोद यादव, हुमा हैदर, राजेश यादव, धर्मेंद्र के अलावा बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
—————
(Udaipur Kiran) / विद्याकांत मिश्र