जयपुर, 12 नवंबर (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट ने दौसा विधानसभा के बुधवार को होने वाले उपचुनाव को लेकर दायर याचिका में दखल से इनकार कर दिया है। इसके साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ता को छूट दी है कि वह चाहे तो अपने मुद्दों को चुनाव याचिका के जरिए उठा सकता है। जस्टिस सुदेश बंसल ने यह आदेश नरेन्द्र कुमार मीना की याचिका पर दिए।
सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि दौसा में बुधवार को उप चुनाव हैं। इसके लिए मतदान केंद्रों पर ईवीएम पहुंचने सहित अन्य सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। ऐसे में इस समय याचिका पर सुनवाई कर कोई अंतरिम आदेश जारी नहीं किए जा सकते हैं। हालांकि याचिकाकर्ता चाहे तो अपनी आपत्तियों को चुनाव याचिका दायर कर उठा सकता है। इस पर याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका को वापस ले लिया।
मामले से जुड़े अधिवक्ता सुरेश कुमार शर्मा और अधिवक्ता डॉ. विभूतिभूषण शर्मा ने बताया कि याचिकाकर्ता भी दौसा विधानसभा के उप चुनाव में प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ना चाहता है। ऐसे में उसने रिटर्निंग अधिकारी के समक्ष नामांकन किया, लेकिन रिटर्निंग अधिकारी ने जानबूझकर उसका नामांकन पत्र नहीं लिया और बाद में उच्चाधिकारियों के साथ वीसी में व्यस्त होना बताकर नामांकन पत्र लेने से ही इनकार कर दिया। याचिका में यह भी कहा गया कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 34 में प्रावधान है कि विधानसभा चुनाव में एसटी वर्ग के उम्मीदवार से पांच हजार रुपये लिए जाएगे, इसके बावजूद भी प्रावधानों की अवहेलना कर उससे दस हजार रुपये की वसूली कर रसीद दी गई। याचिका में कहा गया कि जब उससे फीस वसूल की गई है तो रिटर्निंग अधिकारी का दायित्व था कि वह उसका नामांकन पत्र भी स्वीकार करते। वहीं उसे अन्य विधानसभा क्षेत्र के मौजूदा एमएलए की ओर से भी फोन कर किसी अन्य प्रत्याशी के पक्ष में समर्थन देने की बात कही। ऐसे में उसे जानबूझकर दौसा विधानसभा के उप चुनाव में हिस्सा नहीं लेने दिया गया। याचिका में गुहार की गई थी कि उसका नामांकन पत्र स्वीकार कर उसे चुनाव प्रक्रिया में शामिल किया जाए।
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(Udaipur Kiran)