एचएसबी ने किया ‘विकसित भारत @2047 के लिए हरियाणा का कॉर्पोरेट आउटलुक कॅान्क्लेव आयोजित
हिसार, 12 नवंबर (Udaipur Kiran) । गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने कहा है कि हरियाणा में कृषि, विनिर्माण और सेवाओं जैसे क्षेत्रों में भारत के विकास को गति देने की जबरदस्त क्षमता है। उन्होंने कहा कि एचएसबी बिजनेस कॉन्क्लेव जैसी पहल शिक्षा और उद्योग के बीच की खाई को पाटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
प्रो. नरसी राम बिश्नोई मंगलवार को हरियाणा स्कूल ऑफ बिजनेस (एचएचबी) के सौजन्य से आयोजित एचएसबी बिजनेस कॉन्क्लेव 2024 में उपस्थितजनों को संबोधित कर रहे थे। ग्रेटर हिसार चैंबर ऑफ कॉमर्स (जीएचसीसी) के सहयोग से आयोजित किए गए इस एक दिवसीय कॉन्क्लेव का विषय ‘विकसित भारत @2047 के लिए हरियाणा का कॉर्पोरेट आउटलुक’ था। विश्वविद्यालय के सीआरएस सभागार में हुए इस कन्क्लेव में उद्योग प्रतिनिधियों, व्यापार बिरादरी के सदस्यों, संकाय सदस्यों और कई संस्थानों के लगभग 1500 प्रतिभागी शामिल हुए। कुलपति ने कहा कि एचएसबी बिजनेस कॉन्क्लेव जैसी पहल से विद्यार्थियों को उद्योग की अंतर्दृष्टि से सीधा संपर्क प्राप्त करने और भविष्य की नेतृत्व भूमिकाओं के लिए तैयार होने में मदद मिलती है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि उद्यमिता की भूमिका को कम करके नहीं आंका जा सकता है। सही मार्गदर्शन, समर्थन और बुनियादी ढांचे के साथ, विश्वविद्यालयों में युवा दिमागों को अभिनव विचारों को सफल व्यवसायों में बदलने के लिए सशक्त बनाया जा सकता है। जिससे न केवल उनके लिए रोजगार पैदा होगा बल्कि बड़े पैमाने पर अर्थव्यवस्था में भी योगदान होगा। हमें उद्यमिता के लिए ऐसे रास्ते बनाने जारी रखने चाहिए जो जोखिम लेने, रचनात्मकता और मापनीयता को प्रोत्साहित करें।
मुख्य वक्ता जिंदल स्टेनलेस लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और इकाई प्रमुख विजय कुमार बिंदलिश ने उद्योग में नवाचार, उत्पादकता और प्रतिस्पर्धात्मकता के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि राष्ट्र की प्रगति को आगे बढ़ाने के लिए उद्योगों में तकनीकी प्रगति और नवाचार को बढ़ावा देना जरूरी है। हरियाणा के कॉर्पोरेट क्षेत्र के बढ़ने के साथ, हम आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहे हैं। उन्होंने विद्यार्थियों को आज के प्रतिस्पर्धी माहौल में कौशल विकसित करने की सलाह दी और उनसे नवाचार, नेतृत्व और टीम वर्क को अपनाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि छात्रों को यह समझना चाहिए कि शिक्षा केवल नौकरी हासिल करने के लिए नहीं है, बल्कि समाज और उद्योग में सकारात्मक योगदान देने के लिए भी है।
विशिष्ट अतिथि कुलसचिव प्रो. विनोद छोकर ने शैक्षिक और औद्योगिक क्षेत्रों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने में सम्मेलन के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, ऐसी पहल छात्रों को उद्योग जगत के नेताओं से सीधे जुड़ने, उनकी समझ को समृद्ध करने और उनके करियर के दृष्टिकोण का विस्तार करने के लिए एक अमूल्य मंच प्रदान करती है।
(Udaipur Kiran) / राजेश्वर