सीहोर, 9 नवंबर (Udaipur Kiran) । प्रतिवर्ष अनुसार इस वर्ष भी जिला मुख्यालय के समीपस्थ चितावलिया हेमा स्थित निर्माणाधीन मुरली मनोहर एवं कुबेरेश्वर महादेव मंदिर में गोपाष्टमी पर शनिवार को बृजधाम की झलक दिखाई दी। मंदिर परिसर में भव्य रूप से गोवर्धन सजाया और 56 भोग से गिरिराज की झांकी के समक्ष सजाए गए। यहां हजारों की संख्या में आए श्रद्धालुओं ने दर्शन के उपरांत महाप्रसादी ग्रहण की। 56 प्रकार के भोग में तीन प्रकार की खीर, अनेक प्रकार के भाजिया, एक दर्जन से अधिक मिठाइयों के अलावा औषधीय पकवान शामिल थे। इस मौके पर करीब 15 क्विंटल आटे की पूडी, दो क्विंटल नुक्ति, तीन क्विंटल खिचड़ी, दो क्विंटल चावल, दो क्विंटल मिक्चर की प्रसादी का भोग लगाया गया था।
मंदिर परिसर में 56 प्रकार की सामग्री से गिरिराज गोवर्धन का प्रतिरूप तैयार किया गया और रंगोली आदि का निर्माण किया गया। इसके लिए यहां पर आने वाले भक्तों और समिति की महिलाओं द्वारा परिसर में गो पूजन और रंगोली बनाई गई थीं। वही सुबह 9 बजे पंडित प्रदीप मिश्रा के सानिध्य में अन्नकूट दर्शन और गौमाता एवं गोवर्धन नाथ जी आरती के पश्चात सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक महाप्रसादी का वितरण किया गया। आपको बता दे की अंतर्राष्ट्रीय कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा हरियाणा से कथा के विश्राम के पश्चात कुबरेश्वर धाम पहुंचे थे।
पंडित मिश्रा ने कुबेरेश्वर धाम पहुंचे श्रद्धालुओं के समक्ष महाआरती की और उसके पश्चात प्रसादी का वितरण किया। मंदिर परिसर में पिछले दो दिनों से भक्तों के आने का सिलसिला शुरू हो गया था। शहर सहित आस-पास के सभी होटल, धर्मशाला में श्रद्धालु ठहरे हुए थे, वहीं एक लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने प्रसादी ग्रहण की। सुबह 10 बजे से भोजन प्रसादी का क्रम आरंभ हुआ। इसके पश्चात मंदिर परिसर में बनी गौशाला में पंडित प्रदीप मिश्रा ने गौ माता की पूजा-अर्चना की और गोपाष्टमी के पर्व की सभी को बधाई भी दी। इस मौके पर प्रशासन और विठलेश सेवा समिति के सदस्यों ने यातायात आदि की व्यवस्था की थी।
परम्परानुसार गोपाष्टमी के अवसर पर कथावाचक पंडित मिश्रा सहित विठलेश सेवा समिति के पदाधिकारियों की मौजूदगी में मंदिर परिसर के विशाल हाल में अन्नकूट दर्शन का आयोजन किया गया और उसके पश्चात गौ माता एवं गोवर्धन नाथ की आरती के पश्चात बाबा गोवर्धन नाथ एवं कुबेरेश्वर महादेव का प्रसादी का वितरण किया गया। इस मौके पर हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने प्रसादी ग्रहण की।
यहां पर समिति के कार्यकर्ताओं ने गिरिराज के समक्ष छप्पन प्रकार से अधिक व्यंजनों का भोग लगाया था। इस भोग में पोषक तत्वों वाली खाद्य सामग्री शामिल की गई। इस भव्य अन्नकूट उत्सव में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने प्रसादी ग्रहण की। अन्नकूट महोत्सव में देश के कोने-कोने से आए श्रद्धालुओं ने गिरिराज के दर्शन किए। इस मौके पर पंडित मिश्रा ने कहा कि श्रीकृष्ण को अन्नकूट का प्रसाद चढ़ाना विशेष रूप से फलदायी होता है। ऐसी मान्यता है कि गोवर्धन पूजा कृष्ण भगवान को 56 भोग चढ़ाने से माता अन्नपूर्णा की कृपा दृष्टि सदैव बनी रहती है और घर में कभी भी अन्न धन की कमी नहीं होती है।
(Udaipur Kiran) / उम्मेद सिंह रावत