Uttrakhand

उद्योगों से सीधे जुड़ेगी उच्च शिक्षा: कुलपति डॉ. विनय पाठक

भारतीय विश्वविद्यालय संघ (एआईयू) का बुधवार को ग्राफिक एरा मेडिकल कॉलेज में कुलपति सम्मेलन ।

देहरादून, 6 नवंबर (Udaipur Kiran) । भारतीय विश्वविद्यालय संघ (एआईयू) ने शिक्षा को उद्योग जगत की जरूरतों से जोड़ने के लिए एक बड़ा निर्णय लिया है। अब उद्योगों को विश्वविद्यालयों के इस संघ से जोड़ा जाएगा। एआईयू के नॉर्थ जोन के कुलपति सम्मेलन के दूसरे दिन बुधवार को देश की उच्च शिक्षा व्यवस्था में एक बड़े बदलाव के लिए यह फैसला लिया गया है।

ग्राफिक एरा के मेडिकल कॉलेज में दो दिन चले इस सम्मेलन में उच्च शिक्षा से जुड़े मुद्दों पर सौ से अधिक विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ गंभीर मंथन किया गया। कुलपति सम्मेलन में विभिन्न विषयों को आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से जोड़ने, शिक्षा को उद्योगों की आवश्यकताओं से जोड़ने, विदेशी विश्वविद्यालयों के मॉडल को अपनाने की बजाय यहां की अलग परिस्थितियों के अनुरूप मॉडल तैयार करने, शिक्षकों को नई तकनीकों से जोड़ने के लिए ज्यादा वर्कशॉप आयोजित करने जैसे सुझाव कुलपतियों ने दिए।

नॉर्थ जोन के इस कुलपति सम्मेलन के समापन समारोह में भारतीय विश्वविद्यालय संघ के अध्यक्ष व छत्रपति शाहू महाराज यूनिवर्सिटी कानपुर के कुलपति डॉ. विनय कुमार पाठक ने कहा कि युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर दिलाने के लिए संघ से उद्योग जगत को जोड़ने का कार्य किया जाएगा। छात्र-छात्राएं उद्योगों में जाकर उनकी जरूरतों से लेकर तकनीकों तक को सीख सकेंगे। उन्होंने कहा कि हमारे पास रिसर्च पेपर तो बहुत हैं, लेकिन उनके आधार पर तैयार प्रोडेक्ट नहीं हैं। इंडिया में सिलिकॉन वैली जैसी जगह तो हैं, लेकिन ज्यादा यूनीकॉर्न इंडिया में नहीं इंक्यूबेट होते, बल्कि यूएस जैसे देशों में इन्क्यूबेट होते हैं। हमारे देश में रिसर्च पेपर से कोई बड़ा प्रोडेक्ट नहीं निकल पाता। इस गैप को दूर करना बहुत आवश्यक है।

एआईयू के अध्यक्ष डॉ पाठक ने कहा कि आगे बढ़ने के लिए बदलाव लाने होंगे। सोचने व समझने में भी बदलाव लाने होंगे। समय के हिसाब से हमें भी बदलना है और विश्वविद्यालयों को भी। उच्च शिक्षा की दिशा सही है।

कार्यक्रम काे भारतीय विश्वविद्यालय संघ की महासचिव डॉ. पंकज मित्तल ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस कोई एक कोर्स नहीं हो सकता। हर कोर्स में एआई को शामिल किया जाना चाहिए। विश्वविद्यालयों को नई खोजों व तकनीकों से जुड़ने के लिए हमेशा प्रयोग करते रहना चाहिए। हर विवि को अपने बजट का 10 प्रतिशत तकनीकों के विकास के लिए देना चाहिए। उन्होंने कहा कि साइबर क्राइम के लिए और ज्यादा जागरूक करने की जरूरत है। शिक्षकों और छात्र-छात्राओं को भी इस संबंध में सिखाया जाना चाहिए। विश्वविद्यालयों का पाठ्यक्रम अपडेट होते रहना चाहिए।

ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ नरपिंदर सिंह ने कहा कि इस सम्मेलन ने नॉर्थ जोन के कुलपतियों के बीच संबंध स्थापित करने का कार्य किया है। इससे नये और बड़े सहयोग की राह खुली है।

दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. प्रतीक शर्मा ने उच्च शिक्षा संस्थानों में साइबर सिक्योरिटी व डेटा प्राइवेसी विषय पर आयोजित सेशन की अध्यक्षता की। सम्मेलन में ग्राफिक एरा ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन डॉ कमल घनशाला, प्रो.चांसलर डॉ.राकेश कुमार शर्मा, कुलपति डॉ.नरपिंदर सिंह और सम्मेलन की नोडल अधिकारी प्रो.रूपा खन्ना मल्होत्रा को आयोजन की बेहतरीन व्यवस्थाओं के लिए सम्मानित किया गया।

एआईयू के संयुक्त सचिव डॉ.आलोक कुमार मिश्रा ने आभार व्यक्त किया। संचालन के प्रो.एम पी सिंह ने किया। एआईयू के पूर्व अध्यक्ष प्रो जी डी शर्मा, विश्वविद्यालय संघ की संयुक्त सचिव रंजना परिहार व कुलदीप डागर के साथ ही हरियाणा सेंट्रल यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो.टंकेश्वर कुमार,पंतनगर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ मनमोहन सिंह चौहान,सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ हिमाचल प्रदेश के प्रो.एस पी बंसल,कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो.सोमनाथ सचदेवा,यूनिवर्सिटी ऑफ लद्दाख के प्रो.एस के मेहता, चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के डॉ.मनप्रीत सिंह मन्ना,क्लस्टर यूनिवर्सिटी ऑफ श्रीनगर के प्रो.मोहम्मद मोबिन,रॉयल यूनिवर्सिटी ऑफ भूटान के डॉ. निदुप दौरजी,एमेटी यूनिवर्सिटी के प्रो.बलविन्दर शुक्ला समेत नॉर्थ जोन के सौ से अधिक कुलपति इस सम्मेलन में शामिल हुए।

(Udaipur Kiran) / राजेश कुमार

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