Uttrakhand

ज्ञान की अविरल धारा है श्रीमद् भागवत कथा : गौरीशंकर दास

कलश शोभायात्रा निकालते हुए

हरिद्वार, 6 नवंबर (Udaipur Kiran) । श्री बनखंडी साधुबेला पीठाधीश्वर आचार्य स्वामी गौरीशंकर दास महाराज के सानिध्य में श्रीमद् भागवत कथा के शुभारंभ पर भूपतवाला स्थित सर्वानंद घाट से लेकर साधुबेला आश्रम तक भव्य कलश शोभायात्रा निकाली गई। साधुबेला पीठाधीश्वर आचार्य स्वामी गौरीशंकर दास, महामंडलेश्वर स्वामी प्रकाश मुनि, महंत श्रवण मुनि एवं महंत नरेश मुनि महाराज ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर कथा का शुभारंभ किया।

इस दौरान आचार्य स्वामी गौरीशंकर दास महाराज ने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा पतित पावनी मां गंगा की भांति बहने वाली ज्ञान की अविरल धारा है, जिसे जितना ग्रहण करो उतनी ही जिज्ञासा बढ़ती है और प्रत्येक सत्संग से अतिरिक्त ज्ञान की प्राप्ति होती है। श्रीमद् भागवत कथा के श्रवण मात्र से व्यक्ति का जीवन भवसागर से पार हो जाता है। कलयुग में मोक्ष प्राप्ति के लिए श्रीमद् भागवत से बढ़कर और कोई ग्रंथ नहीं है।

कथा व्यास महंत श्रवण मुनि महाराज ने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान का भंडार है जो व्यक्ति के मन से मृत्यु का भय मिटाकर उसके कल्याण का मार्ग प्रशस्त करती है। श्रीमद् भागवत कथा के श्रवण से राजा परीक्षित को मोक्ष की प्राप्ति हुई थी। कलयुग में आज भी इसके साक्षात प्रमाण देखने को मिलते हैं। अपने बच्चों को संस्कारवान बनाने एवं जीवन को सफल बनाने के लिए श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण अवश्य करना चाहिए।

महामंडलेश्वर स्वामी प्रकाश मुनि एवं महंत नरेश मुनि महाराज ने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा कल्पवृक्ष के समान है, जिससे सभी इच्छाओं की पूर्ति की जा सकती है। कथा के मुख्य यजमान राजेंद्र प्रसाद दुबे एवं निर्मला दुबे ने कथा में पधारे सभी संत महापुरुषों का फूल माला पहनकर स्वागत किया।

इस अवसर पर गोपाल अवस्थी, दीपा अवस्थी, राम शुक्ला, रवि दुबे, चित्रा दुबे, सुनीता तिवारी, राकेश तिवारी, निखिल चंदानी, बबीता चंदानी, गोपाल पुनेठा, विष्णु दत्त पुनीता, इंदु पंडया, मयंक पंडया, आशुतोष शुक्ला, मयूरी शुक्ला, सुमेद दुबे, रश्मि दुबे, जेपी जुयाल विकास शर्मा, सोनू शर्मा, सुनील मिश्रा सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्त उपस्थित रहे।

—————

(Udaipur Kiran) / डॉ.रजनीकांत शुक्ला

Most Popular

To Top