उमरिया, 30 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व क्षेत्र में हाथियों की मौत का लगातार आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। मंगलवार की रात इलाज के दौरान दो हाथियों की मौत के बाद बुधवार को सुबह एक और हाथी ने दम तोड़ दिया। यहां मंगलवार से लेकर अब तक 7 जंगली हाथियों की मौत हो चुकी है, जबकि तीन की हालत गम्भीर बनी हुई है। टाइगर रिजर्व और डॉक्टरों की टीम लगातार हाथिथाें की निगरानी और इलाज में लगी हुई है। सभी की हो रही मौत के पीछे कोदो की फसल खाना बताया जा रहा है।
दरअसल, बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व का जंगल हमेशा हरा-भरा रहने वाला जंगल है, लगभग 6 वर्ष पूर्व उड़ीसा से छत्तीसगढ़ के रास्ते यहां लगभग 60 से 70 जंगली हाथियों का दल भटक कर आ गया था, तब से यहां का जंगल इतना भा गया कि वे कहीं जाने का नाम ही नही लिये। कुछ दिन बाद ये अलग अलग झुंडों में बंट कर चारों तरफ फैल गए। कई बार इन हाथियों ने किसानों की फसलों को भी नुकसान पहुंचाया और घर तोड़ दिए।
बताया जा रहा है कि 13 हाथियों का झुंड बगैहा, बडवाही होते हुए सलखनिया क्षेत्र में आ गया और 28 तारीख की रात में किसानों की कोदो की फसल में घुस गये और उनकी फसल खा लिए उसके बाद 29 तारीख को दिन में 4 हाथियों की मौत हो गई। दोपहर में जैसे ही गश्ती दल की नजर पड़ी उनने अधिकारियों को सूचना दी। इसके बाद मंगलवार की रात में जब तक जबलपुर से डॉक्टरों की टीम पहुंच कर इलाज शुरू की तब तक 2 हाथियों की और मौत हो गई, वहीं बुधवार सुबह एक और हाथी की मौत हो गई। इस तरह कुल 7 हाथियों की मौत हो चुकी है वहीं 3 की हालत गम्भीर बनी हुई है। अन्य तीन हाथी ठीक हैं। पार्क प्रबंधन उन पर भी नजर बनाए हुए है।
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के उप संचालक प्रकाश कुमार वर्मा ने फोन पर बताया कि अभी तक 7 हाथियों की मौत हो चुकी है 3 कि हालत गम्भीर बनी हुई है, उनका इलाज किया जा रहा है। सभी हाथियों की मौत का कारण प्रथम दृष्टया कोदो खाने से मौत होने लग रहा है, हालांकि हमारी टीम और डॉक्टर लगातार जांच में लगे हुए हैं।
इधर, पार्क प्रबंधन मृत हाथियों का पोस्टमार्टम करने के बाद दो जेसीबी मशीनों से गड्ढा खुदवाकर उनको दफनाने की प्रक्रिया में लगा हुआ है।
—————
(Udaipur Kiran) / सुरेन्द्र त्रिपाठी