Madhya Pradesh

आरक्षण पर राहुल गांधी के बयान के खिलाफ जनजागरण करेगा अजा मोर्चा – शंभूनाथ टुंडिया

SC Morcha will create public awareness

भोपाल, 22 सितंबर (Udaipur Kiran) । भारतीय जनता पार्टी अजा मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री शंभूनाथ टुंडिया ने रविवार को प्रदेश कार्यालय में पत्रकार-वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी और उसके नेता अपने राजनीतिक हित साधने के लिए संविधान और संवैधानिक प्रक्रियाओं का दुरुपयोग करते रहे हैं। संविधान और दलितों के अपमान की भावना उसकी नस-नस में है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा अमेरिका में आरक्षण के विरोध में दिया गया बयान भी कांग्रेस की इसी भावना का परिचायक है। भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित जाति मोर्चा उनके इस बयान की निंदा करता है और इसके खिलाफ प्रदेश के हर जिले में जनजागरण करेगा। पत्रकार वार्ता को मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. कैलाश जाटव ने भी संबोधित किया।

बाबा साहब और दलितों का अपमान करती रही कांग्रेस

शंभूलाल टुंडिया ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने लगभग 57 वर्षों तक देश पर शासन किया, लेकिन इस दौरान कभी उसने संविधान में प्रदत्त मूलभूत आरक्षण के सिद्धांत को सही भावना और स्वरूप में लागू करने की इच्छा शक्ति नहीं दिखाई। तत्कालीन प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू ने 1956 में पिछड़े वर्गों को आरक्षण देने से संबंधित काका कालेलकर आयोग की रिपोर्ट को खारिज कर दिया था। 1961 में पं. नेहरू ने मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर कहा था कि आरक्षण से अक्षमता और दोयम दर्जे का मानक पैदा होता है। पं. नेहरू ने ही बाबा साहब अंबेडकर के सामाजिक और राजनीतिक जीवन का समाप्त करने का षडयंत्र रचा, उन्हें लोकसभा चुनाव में हराने का पाप किया। श्री टुंडिया ने कहा कि कांग्रेस ने डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर का अपमान करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। कांग्रेस की सरकारों ने कभी भी बाबा साहेब का तैल चित्र संसद में नहीं लगने दिया था और न ही उन्हें कभी भारत रत्न देने का प्रयास किया गया।

संविधान की आत्मा को कुचलती रही है कांग्रेस

अजा मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री टुंडिया ने कहा कि अगर हम कांग्रेस का इतिहास देखें, तो पता चलता है कि उसने बार-बार संविधान की आत्मा को कुचलने का काम किया है और उसके नेता राहुल गांधी का विदेश की धरती पर एससी, एसटी और ओबीसी आरक्षण के खिलाफ बयान ऐसे ही एक षडयंत्र का हिस्सा है। टुंडिया ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1975 में अपने राजनीतिक हितों के लिए संविधान को कुचलते हुए देश में आपातकाल लगा दिया था। इस दौरान पत्रकारों की आवाज को दबाया गया और विरोधी दलों के नेताओं को जेलों में ठूंस दिया गया। 1960 से 1977 के बीच कांग्रेस की सरकार ने 25 से अधिक बार संविधान में संशोधन किया। टुंडिया ने कहा कि 2014 में जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी है, केवल 8 बार संविधान में संशोधन किए गए हैं। राजीव गांधी ने 3 मार्च 1985 को एससी आरक्षण पर टिप्पणी करते हुए यह कहा था कि आरक्षण के माध्यम से हमें बुद्धुओं को बढ़ावा नहीं देना चाहिए। राजीव गांधी ने ही मंडल आयोग की रिपोर्ट का विरोध किया तथा 1990 में लोकसभा में आरक्षण का भी विरोध किया। टुंडिया ने कहा कि डॉक्टर बाबासाहेब अंबेडकर और संविधान सभा ने संविधान में धर्म के आधार पर आरक्षण को मान्यता नहीं दी थी, मगर कांग्रेस ने 42 वें संशोधन के बाद इसके रास्ते खोल दिये।

संविधान को सम्मान, दलितों को अधिकार दे रही मोदी सरकार

अजा मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री टुंडिया ने कहा कि संविधान के आदर की भावना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन में हमेशा से रही है। 2010 में जब मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने भव्य संविधान यात्रा निकाली थी। केंद्र में सरकार बनने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कश्मीर से धारा 370 और 35-ए हटाई और आजादी के 75 वर्षों के बाद वहां भारत के संविधान को लागू करके दलितों, आदिवासियों तथा पिछड़ों को आरक्षण प्रदान किया। मोदी सरकार ने वर्ष 2017 में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया। 2019 में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को आरक्षण देने का प्रावधान किया। 2019 में ही संविधान की छठी अनुसूची में संशोधन किया और इसी साल लोकसभा तथा विधानसभाओं में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण को 10 वर्ष के लिए बढ़ा दिया गया। प्रधानमंत्री मोदी की सरकार ने 2021 में राज्यों को ओबीसी सूची में परिवर्तन का अधिकार दिया। कांग्रेस ने 57 सालों तक सरकार में रहते हुए कभी संविधान दिवस नहीं मनाया, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने 2015 में सरकारी स्तर पर संविधान दिवस मनाने की शुरुआत की और 2015 में ही संसद में दो दिनों तक संविधान पर चर्चा कराई, जिसका कांग्रेस ने विरोध किया था।

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(Udaipur Kiran) / नेहा पांडे

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