

जयपुर, 9 नवंबर (Udaipur Kiran) । दिल्ली रोड़ स्थित खोले के हनुमान जी मंदिर में रविवार को 65वॉ अन्नकूट महोत्सव का आयोजन हुआ। रविवार दोपहर करीब साढ़े 12 अन्नकूट महोत्सव प्रारंभ हुआ और देर रात 11 बजे तक जारी रहा। इस अन्नकूट महोत्सव में सर्व समाज के श्रद्धालु शामिल हुए। अन्नकूट प्रसादी व 56 व्यंजनों का सर्वप्रथम लक्ष्मण डूंगरी के शिखर पर विराजे श्री राम, हनुमान जी, अन्नपूर्णा, गायत्री व माता वैष्णो, द्वादश ज्योतिर्लिंग सहित खोले के सभी देवालयों में भोग लगाया गया। मंदिर प्रबंध समिति ने लक्खी अन्नकूट महोत्सव को सफल व्यवस्थित सम्पन्न कराने के लिए कमेटियां गठित की है और सभी को अलग-अलग कार्य की जिम्मेदारी दी गई। जिन्होंने अन्नकूट महोत्सव कार्य प्रारंभ किया।
श्री नरवर आश्रम सेवा समिति (प्रन्यास) के अध्यक्ष गिरधारी लाल शर्मा ने बताया कि खोले के हनुमानजी के मंदिर में 65वें अन्नकूट समारोह में 1.75 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने प्रसादी ग्रहण की। ब्रह्मलीन बाबा राधेलाल जी चौबे की स्थापित परंपराओं के अनुसार जात-पात, छोटे-बड़े और अधिकारी कर्मचारी राजनेता सभी एक ही पंगत में बैठकर प्रसादी ग्रहण करते है। धर्म एवं जाति भेदभाव रहित व्यवस्था के कारण ही अन्नकूट का यह आयोजन जयपुर ही नहीं पूरे राजस्थान में एक मिसाल माना जाता है। वर्ष 2017 में सीमित समय में 1.25 लाख भक्तजनों द्वारा अनुशासित प्रसादी ग्रहण करने का कीर्तिमान गोल्डन बुक्स ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज हो चुका है। मंदिर में परम्परागत झांकियों के साथ द्वादश ज्योतिर्लिंग बर्फ की झांकी आकर्षण का केन्द्र रहीं। अन्नकूट महोत्सव में विभिन्न प्रकार की झांकियां रहेगी आकर्षण केंद्र, हड्डी शाह बाबा की मजार पर भी छप्पन भोग, अन्नकूट की प्रसादी एवं चादर चढ़ाई गई।
कार्यक्रम के मुख्य संयोजक ओमजी रावत ने बताया कि अन्नकूट में मूंग, चौला, बाजरा, चावल, गडमढ सब्जी, कढ़ी के साथ ही हलवा और भुजिए भी प्रसादी में शामिल की गई । उन्होंने बताया कि 59 वर्ष पूर्व मात्र 2.5 किलोग्राम अन्न के साथ खोले के हनुमान जी में अन्नकूट उत्सव की शुरुआत हुई थी, जो पिछले कुछ वर्षों से लक्खी अन्नकूट में बदल गया है। समिति के संस्थापक ब्रह्मलीन पंडित राधेलाल चौबे की स्थापित परम्पराओं और प्रेरणा के मुताबिक सभी आयोजन किए गए। उत्सव के दौरान रविवार को खोले के हनुमान जी के फल-सब्जी की झांकी, श्री आनंदेश्वर महादेव के अन्न की झांकी, सियाराम जी महाराज की छप्पन भोग की झांकी, श्री गणेश जी के लड्डुओं की झांकी आकर्षण का केन्द्र रहीं। इसके अलावा अन्नपूर्णा माता के मंदिर में विभिन्न व्यंजनों की झांकी अन्नकूट स्थल पर शिव परिवार की बर्फ की झांकी, परिसर में मौजूद अन्य देवालयों में विभिन्न प्रकार की झांकियां सजाई गई। इसके अलावा आसपास के क्षेत्र के 61 मन्दिरों में भी प्रसादी का भोग अर्पण किया गया।
41 भट्टियों पर पर तैयार हुआ अन्नकूट प्रसाद
प्रचार मंत्री द्वारका प्रसाद सोढ़ानी ने बताया कि अन्नकूट महोत्सव में प्रसादी तैयार करने के लिए 41 भट्टियों की सहायता ली गई। प्रसादी स्थल पर सभी जगह गरम और ताजा बनी हुई प्रसादी पहुंचे, इसके पुख्ता प्रबंध किए गए। प्रसादी के लिए अलग अलग 13 खंडों की व्यवस्था की गई है। जिसमें सैंकड़ों की संख्या में विभिन्न संगठनों के लोगों प्रसादी वितरण का कार्य किया। अन्नकूट की प्रसादी वितरण का कार्य रविवार को दोपहर साढ़े 12 से रात 11 बजे तक जारी रहा। अन्नकूट प्रसादी के वितरण के में हजार हजार से अधिक कार्यकर्ता और श्रद्धालुओं ने श्रम दान किया।
प्रसाद को 450 हलवाई तैयार किया
मंदिर परिसर में 30 विशाल भट्ठियां तैयार की गई थीं और हर भट्टी 8 से 10 फीट गहरी बनाई गई थी। जिसमें 1 हजार ईंटें लगी हैं। एक बार में 2 क्विंटल लकड़ी जली। दीपावली से चार दिन पहले से इन भट्ठियों का निर्माण शुरू हो चुका था और 7 नवंबर तक पूरी तरह तैयार हो चुकी थीं। इस प्रसाद को 450 हलवाई तैयार किया है। 800 क्विंटल मिठाइयां और स्नैक्स तैयार किया गया । अन्नकूट के दौरान भगवान को अर्पित हुआ छप्पन भोग इस बार पहले से ज्यादा भव्य रहा। छप्पन भोग तैयार करने 200 हलवाई 4 दिनों तक दिन-रात काम किया। जिसमें 80 से 85 आइटम शामिल हुए। यह प्रसाद दर्शन करने आने वाले भक्तों को बांटा गया।
56 भोग और फल सब्जियों की सजी झांकी
अन्नकूट समारोह की शुरूआत प्रात: हनुमान जी महाराज का अभिषेक, चौला धारण, श्रृंगार, 56 भोग, फल सब्जियों की झांकी से हुआ । प्रात: 9 से 10 बजे तक वेद विद्यालय के छात्रों ने वेद उच्चारण, प्रात: 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक शिव सत्संग मण्डल द्वारा हरिनाम संकीर्तन, सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजे तक सुन्दर बैण्ड द्वारा बैण्ड वादन, साढ़े 11 बजे जयपुर के संत-महंतों के सानिध्य में हनुमानजी के अन्नकूट भोग की महाआरती, श्री नरवर आश्रम सेवा समिति द्वारा संत-महन्तों सम्मान, दोपहर साढ़े 12 बजे से भक्तों के लिए प्रसादी आरंभ हुई ,जो रात्रि 11 बजे तक अनवरत चलती रहेगी, मध्याह्न 1 बजे से 3 बजे तक श्याम ज्योति भजन संध्या और 3 से 5 बजे तक श्रीगुरूकृपा जागरण मण्डल के सानिध्य में भजन गायन, 5 से 7 बजे तक पी.आर. स्वामी व 7 से 9 बजे तक मोहन बालोदिया व अन्य द्वारा भजन गायन राम मंदिर में प्रस्तुत किए गए। प्रसादी स्थल पर सायं 6 से 8 बजे तक अशोका बैंड द्वारा बैंड वादन किया।
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(Udaipur Kiran)